नागपुर. वनमंत्री संजय राठोड़ ने वन प्रकल्प में मानसून के दौरान वन विकास महामंडल व्यवस्थापन (एफडीसीएम) द्वारा 5,46,684 हेक्टर क्षेत्र में वूक्षरोपन किये जाने की तैयारी की गई है. वनमंत्री राठोड़ ने एफडीसीएम के सभा कक्ष में बुधवार को पौधानिर्मिती, बिक्री, इको टूरिजम समेत अनेक विषय पर एफडीसीएम के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान प्रधान मुख्य वनसंरक्षण व वनबल डा. सुरेश गौरोला, व्यवस्थापकीय संचालक डा. एन. रामबाबू, बांबू विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक टी.एस. के. रेड्डी, मुख्य महाव्यवस्थापक श्रीनिवास राव, एम्तिएन्ला आओ, महाव्यवस्थापक डा. ऋषीकेश रंजन आदि उपस्थित थे.
एफडीसीएम अंतर्गत वनसर्वधन के द्ष्टी से 14 वन प्रकल्प विभाग के लिए बजट तैयार किया गया है. केन्द्र सरकार की मंजुरी मिलने के बाद मंडल की विभिन्न योजनाओं के तहत सागवन, बांबू के साथ अन्य प्रजाती के पौधों को तैयार किया जाएगा. इसके अलावा सागवन की बीज आनलाइन बेचने के लिए इमारतों में लगने वाला लकड़ा, बांबू की बिक्री की जाएगी. साथ ही वन विकास महामंडल द्वारा निसर्ग पर्यटन अभियान चलाया जा रहा है. मोहुर्ली, कोलारा, नागझिरा, पिटेझरी, उमरझरी, बोर के साथ नवेगाव-नागझिरा बाघ प्रकल्प में कोसमतोंडी में गृह पर्यटन का निर्माण किया गया है. एफडीसीएम की कार्य प्रणाली पर वनमंत्री ने समाधान व्यक्त किया.