Preity's bank accounts started to be investigated, police custody extended till 20

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नागपुर. सिटी की हाईप्रोफाइल ठग प्रीति दास को कोर्ट ने शुक्रवार को एक और झटका दिया और पाचपावली थाने में उमेश तिवारी के साथ शादी का झांसा देकर 14.87 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में जमानत देने से इंकार कर दिया. उसे दोबारा जेल रवाना कर दिया गया. सुनवाई के दौरान तिवारी की ओर से पैरवी कर रहे एड. सुमित बोदलकर ने कोर्ट को बताया कि प्रीति दास एक मंझी हुई ढग है. वर्ष 2010 में भी उसके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है. बावजूद इसके वह ढगबाजी करती रही और कई लोगों को अपना शिकार बनाया.

वर्तमान में नागपुर समेत भंडारा समेत विभिन्न जगहों पर प्रीति के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हो चुके हैं. पूरी दलील सुनने के बाद कोर्ट ने प्रीति की जमानत की अर्जी खारिज कर दी और उसे जेल भेज दिया. प्रीति की ओर से एड. अशोक राघुटे ने पैरवी की.

क्या है मामला
उक्त मामले में प्रीति ने उमेश को शादी का झांसा देकर कुल 14.87 लाख रुपये ऐंठ लिये. उमेश की पत्नी के साथ विवाद होने की जानकारी मिलते ही प्रीति ने उसे फेसबुक पर फ्रेन्ड रिक्वेस्ट भेजी. दोस्ती बढ़ाने का स्वांग रचकर फ्लैट खरीदने के लिए दबाव बनाया. उमेश से फ्लैट के लिए पहले 2.60 लाख रुपये दिये. फ्लैट न दिलाते हुए जब उमेश ने पैसे वापस मांगे तब फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू किया. इस चक्कर में उससे नकद रुपये के अलावा दोपहिया वाहन, सोने के आभूषण और यहां तक कि घरेलू सामान भी हड़प लिया. आए दिन पैसे, सोना-चांदी की मांग से त्रस्त होने से उमेश ने पांचपावली थाने में शिकायत की, जिसकी पड़ताल के बाद प्रीति पर धारा 420, 384 का मामला दर्ज किया गया.