Manish Nagar Road Potholes

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नागपुर. मनीषनगर रेलवे क्रॉसिंग के पास कछुआ गति से चल रहे सड़क के सीमेंटीकरण कार्य के चलते जहां देखो वहां गड्ढे नजर आ रहे थे. इसे लेकर स्थानीय नागरिकों को आक्रोश बढ़ता जा रहा है. शिकायत के बाद भी पर्यायी मार्ग की मरम्मत नहीं किए जाने पर शनिवार को सरदार पटेल युवक मंडल के अध्यक्ष उमेश पटेल ने स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर गड्ढों को भरना शुरू कर दिया.

इस मार्ग पर और कोई हादसा न हो इसलिए जनता ने स्वयं गड्ढों में बोल्डर और बजरी डालकर उन्हें भर दिया. इससे भले ही नागरिकों की समस्या पूरी तरह हल नहीं हुई हो, लेकिन उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली है. पर्यायी सड़क पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि वाहन चालकों तो छोड़ो, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. इस अवसर पर राजेश अडियेचा, सचिन लीमसे, तलावीया, योगेश उमाटे, शरद कुकड़े, सलीम शेख, मन पटेल, अभय गाडगे, मुकुंद तिवारी समेत अन्य नागरिक उपस्थित थे.

1 वर्ष में भी नहीं बनी आधी सड़क

उमेश पटेल ने बताया कि पिछले वर्ष दिवाली के पहले मनीषनगर रेलवे क्रॉसिंग से लेकर टी प्वाइंट तक सड़क का सीमेंटीकरण का कार्य शुरू किया गया था. 1 वर्ष पूरा होने के बाद भी इस मार्ग की एक साइड की सड़क भी नहीं बन पाई है. पर्यायी मार्ग इतने गड्ढे हो गए थे कि कई वाहनों को भारी नुकसान हो रहा था. ठेकेदार भी पर्यायी मार्ग के गड्ढों को नहीं भर रहा था. हर दिन वाहन चालकों के साथ हो रहे हादसों को देखते हुए मंडल के सदस्यों और जनता ने स्वयं गड्ढों को भरने का निर्णय लिया. सड़क पर जहां भी गहरे गड्ढे हैं उन्हें बोल्डर और बजरी डालकर भरा गया है. ठेकेदार इतनी धीमी गति से कार्य कर रहा है कि गत एक वर्ष में 30 फीसदी सड़क भी बनकर तैयार नहीं हुई है. अपनी लापरवाही को लॉकडाउन का बहाना कर छुपा रहा है. लॉकडाउन के कारण सड़क बनाने में देरी हुई है, ऐसा संबंधित विभाग के अधिकारी कह रहे हैं. 

सुरक्षा में भारी लापरवाही

मनीषनगर टी प्वाइंट से लेकर रेलवे क्रॉसिंग के पहले तक सड़क के कुछ हिस्से का सीमेंटीकरण हो चुका है. सीमेंट रोड की सलाखें पर्यायी सड़क पर बिना किसी सुरक्षा के लगी हुई हैं. वहीं सड़क के दूसरी ओर फुटपाथ के डिवाइडर लगाने के लिए नाली खोदी गई है. रात के समय मार्ग से दोतरफा यातायात जारी होने के कारण आगे से आ रहे गाड़ियों की लाइट से लोगों को कुछ दिखाई नहीं देता. ऐसे में मोटरसाइकिल चालक साइड में होते हुए डिवाइडर के लिए बनाई गई नाली में गिर रहे हैं या फिर पर्यायी सड़क पर. ठेकेदार को सुरक्षा के लिहाज से मार्ग पर टिन के शेड लगाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. नाली खोदकर लोगों की जान लेने का काम किया जा रहा है.