गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की समस्याएं जल्द दूर करें

  • विभागीय आयुक्त ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये निर्देश

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नागपुर. विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे ने गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्तों की समस्याओं को जल्द से जल्द निराकरण करने के साथ ही प्रकल्प को सौ फीसदी जलस्टॉक पूरा करने के लिए नियोजन करने का निर्देश दिया. विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल के सभाकक्ष में उन्होंने प्रकल्प के कामकाज की समीक्षा बैठक ली.

विकास महामंडल के कार्यकारी संचालक राजेंद्र मोहिते, गोसीखुर्द प्रकल्प के मुख्य अभियंता प्रकाश पवार, अधीक्षक अभियंता राजेश सोनटक्के, अंकुर देसाई उपस्थित थे. उन्होंने कुही तहसली के सोनारवाही गांव के प्रकल्पग्रस्तों को आवश्यक सुविधा देने के साथ ही स्थलांतरित करने के लिए उपाययोजना करने का निर्देश दिया. प्रकल्प के लिए शेष भूसंपादन के प्रकरणों के निपटारा के लिए जिलानिहाय बैठक लेने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि प्रकल्प के संदर्भ में मुख्य प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए सभी जिलाधिकारीयों की जुलाई के पहले सप्ताह बैठक ली जाएगी. 

85 गांवठान बाधित

गोसी का काम पूरा होने पर नागपुर, चंद्रपुर और भंडारा जिले के 13 तहसीलों के 718 गांव लाभान्वित होंगे. इस प्रकल्प में 85 गांवठान बाधित हैं जिनका पुनर्वसन 63 नये गांवठन में किया जाना है. इसमें से 61 गांवठान के लिए सुविधा निर्मित कर दी गई है और 2 गांवठान का कार्य प्रगति पर है. इस प्रकल्प के 14,984 परिवार बाधित हुए हैं जिसमें से 11,676 परिवारों को स्थलांतरित किया जा चुका है. प्रकल्प से अब तक 1.25 लाख हेक्टेयर के करीब सिंचन क्षेत्र निर्माण हो चुका है जबकि कुल क्षमता 2.51 लाख हेक्टेयर की है. सिंचाई के लिए 49 फीसदी पानी अंडरग्राउंड पाइपलाइन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा जिसका कार्य चल रहा है. 

25.5 मेगावाट बनेगी बिजली

अधिकारियों ने विभागीय आयुक्त को जानकारी दी कि प्रकल्प की सिंचाई क्षमता 50 फीसदी तैयार हो चुकी है और 82 फीसदी जल स्टॉक है. यहां दो निजी जल विद्युत प्रकल्प विकसित किया गया है जिसकी उत्पादन क्षमता 26.5 मेगावाट बिजली निर्माण की है.