- लाकडाउन के बावजूद SECR जोन में 300, नागपुर में 29 पर कार्रवाई
नागपुर. रेलवे ने लाकडाउन के बाद पहले 230 और अब 80 स्पेशल ट्रेनें चलाना शुरू कर दिया है. इससे पहले हजारों श्रमिक एक्सप्रेस चलाकर लाखों मजदूरों को देश के विभिन्न कोनों में पहुंचाया गया. इन सबके बीच अवैध टिकट दलाल अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आये और कई यात्रियों को अपना शिकार बनाया. हालांकि रेलवे सुरक्षा बल लाकडाउन के दौरान भी कई कार्रवाईयां की और सैकड़ों अवैध दलालों को धरदबोचा.
मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण पूर्व मध्य रेल जोन के तहत वर्ष 2020 में अभी तक करीब 300 एजेंट को गिरफ्तार किया गया. इसमें नागपुर मंडल भी शामिल है. इनसे करीब डेढ़ करोड़ की टिकटें जब्त की गई. वहीं, मध्य रेल के तहत नागपुर मंडल ने करीब 29 एजेंटों पर कार्रवाई की और उनसे लाखों रुपये की टिकटें मिली. इनमें नागपुर शहर के अलावा उमरेड, भंडारा और अन्य शहरों में की गई कार्रवाईयां भी शामिल हैं.
अवैध साफ्टवेयर का भी पता चला
ज्ञात हो कि पहले तत्काल कोटे पर डाका डालने के लिए एजेंट कई प्रकार के साफ्टवेयर का उपयोग करते थे. ये साफ्टवेयर अपनी तेज स्पीड के कारण कुछ ही सेकंड में हजारों टिकटें साफ कर देते थे और फिर इन्हें भारी-भरकम कमीशन के साथ यात्रियों को थमाया जाता था. लेकिन महानिदेशक अरुण कुमार के मार्गदर्शन में पूरे देशभर में जोरदार धरपकड़ अभियान चला और फिर इन साफ्टवेयर का पता चला. बाद में आईआरसीटीसी के साथ मिलकर आरपीएफ ने ऐसे सभी साफ्टवेयरों को बैन कर करवा दिया. लेकिन चोर अपनी आदतों से नहीं जाता और एजेंटों ने रियल मैंगो रेयल मैंगो नाम का नया साफ्टवेयर उपयोगर करना शुरू कर दिया. रायपुर में की गई छापेमारी में एक एजेंट के कम्प्यूटर सिस्टम में यह साफ्टवेयर मिली. बंगाल में 3 एजेंटों के पास से यह साफ्टवेयर मिला. ज्ञात हो कि सबसे पहले नागपुर से ही ऐसे साफ्टवेयर पर कार्रवाई शुरू की गई थी. किसी समय नागपुर अवैध टिकट दलाली का हब माना जाता था लेकिन रेलवे सुरक्षा बल की ताबड़तोड कार्रवाई ने इस अवैध धंधे की कमर तोड़ दी.
काउंटर पर धराया दलाल
ट्रेनों के परिचालन बढ़ने के साथ ही एक बार फिर अवैध टिकट दलाल एक्टिव हो गये. इसी के तहत नागपुर आरपीएफ की क्राइम ब्रांच ने पश्चिमी गेट की ओर बने टिकट काउंटर से वासनिक नाम के एक दलाल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया. वासनिक काउंटर से टिकट बनाकर यात्रियों से कमीशन वसूलता था. इससे पहले भी उसे पकड़ा जा चुका है. हालांकि ट्रेनों के साथ यात्रियों की संख्या कम होने से अब पहले जैसे कमाई नहीं रही लेकिन बावजूद इसके जानकारी के अभाव में अब कुछ यात्री इनके जाल में फंस ही जाते हैं. ऐसे में आरपीएफ को इन पर कड़ी नजर बनाये रखना जरूरी है.