कचरा घोटाले की उजागर हुई वास्तविकता

  • अचानक 250 टन कचरा संकलन हुआ कम

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नागपुर. मनपा की ओर से कचरा संकलन का ठेका दिए जाने के बाद भारतीय विकास ग्रुप (बीवीजी) कम्पनी की ओर से किए जा रहे कचरा घोटाले को लेकर शिवसेना के शहर समन्वयक नितिन तिवारी की ओर से गत कुछ दिनों से लगातार तथ्य और सबूत पेश किए जाने के बावजूद भले ही मनपा प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही हो, लेकिन घोटाले की वास्तविकता उस समय उजागर हो गई, जब प्रतिदिन 600 टन कचरा संकलन का दावा करनेवाली कम्पनी की ओर से बुधवार को भांडेवाड़ी में केवल 365 टन कचरा ही लाया गया. कम्पनी द्वारा घोटाला किए जाने का मामला तूल पकड़ते ही अचानक 250 टन कचरा कम संकलित कैसे हो गया. इसे लेकर भी अब तिवारी ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए खुलासा करने की मांग की.

मनपा के अधिकारी की अधिकृत जानकारी
तिवारी ने कहा कि आम तौर पर लोगों पर इस तरह के आरोप लगाने के बयान कम्पनी और प्रशासन की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन कचरा घोटाले की वास्तविकता का आलम यह है कि भांडेवाड़ी कचरा डंपिंग यार्ड के इंचार्ज मनपा के अधिकारी राठोड़ की ओर से ही बुधवार की शाम 6 बजे तक बीवीजी कम्पनी द्वारा केवल 365 टन कचरा लाए जाने की अधिकृत जानकारी दी गई, जबकि अब तक प्रतिदिन 600 टन कचरा लाने का दावा किया जा रहा था. उन्होंने कहा कि वीएनआईटी के अध्ययन के अनुसार प्रतिदिन एक व्यक्ति द्वारा लगभग 350 ग्राम कचरा उत्पादित किया जाता है. एक घर में औसतन 5 व्यक्ति के अनुसार एक घर से 1750 ग्राम कचरा प्रतिदिन निकलता है. यदि 250 टन (25 करोड़ ग्राम) कचरा नहीं उठाया गया, तो 1,42,857 घरों से कचरा संकलन नहीं किया गया है.

50 लाख जुर्माने का प्रावधान
उन्होंने कहा कि इस तरह से डेढ़ लाख घरों से कचरा संकलन नहीं होने से शहर में कचरा संकलन की अव्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है. तमाम खामियों के बावजूद मनपा प्रशासन की ओर से घोटाले पर क्यों चुप्पी साधी गई, यह खोज का विषय बना हुआ है. इसके अलावा अब टेंडर की शर्तों के अनुसार कचरा संकलन नहीं किए जाने के लिए रखी गई 50 लाख रु. जुर्माना की शर्त का पालन मनपा द्वारा किया जाएगा या नहीं, यह प्रश्न भी उपस्थित हो रहा है.