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  • 3 दिन में करें सफाया : हाईकोर्ट

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नागपुर. वर्धा रोड स्थित साईं मंदिर परिसर में कई वर्षों से स्थित अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद मनपा की ओर से कुछ दूकानों का पूरी तरह सफाया तो कर दिया गया, लेकिन शुक्रवार को सुनवाई के दौरान ट्रस्ट के अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का मामला अदालत के समक्ष उजागर किया गया. जिसके बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश पुष्पा गनेडीवाला ने 19 मार्च 1999 और 1 जनवरी 2020 को जारी किए गए नोटिस के अनुसार 3 दिनों के भीतर पूरे अतिक्रमण और अवैध निर्माण का सफाया करने के आदेश मनपा को दिए. याचिकाकर्ता साईबाबा सेवा मंडल की ओर से अधि. तुषार मंडलेकर, मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट और अन्य प्रतिवादियों की ओर से अधि. अमोल मार्डिकर ने पैरवी की.

पुलिस आयुक्त से मांगा है सुरक्षा बंदोबस्त

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि 24 अगस्त को हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार मनपा ने 19 मार्च 1999 के नोटिस के अनुसार कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसमें ट्रस्ट के परिसर में बने सभी अस्थायी स्टाल्स को निकाला गया है. लेकिन इन्हीं नोटिस के अंतर्गत आनेवाले ट्रस्ट के अनधिकृत निर्माण के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है. मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. जैमीनी कासट ने कहा कि उक्त दोनों नोटिस के अनुसार निश्चित ही कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा. कोई भी हिस्सा छोड़ा नहीं जाएगा. इस संदर्भ में पुख्ता पुलिस बंदोबस्त उपलब्ध कराने के लिए पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया गया है. 

ट्रस्ट को कोई आपत्ति नहीं

मनपा की ओर से किए गए खुलासे के बाद ट्रस्ट के वकील की ओर से अदालत को बताया गया कि नोटिस के अनुसार जो भी अवैध निर्माण है, उसे हटाने में ट्रस्ट को भी किसी तरह की आपत्ति नहीं है. जिसके बाद अदालत ने आदेश में कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता ट्रस्ट की ओर से ही किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं करने का आश्वासन दिया है. अत: 3 दिनों के भीतर कार्रवाई पूरी की जानी चाहिए. अदालत ने इस कार्रवाई में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाने की हिदायत अन्य प्रतिवादी पक्ष दूकानदारों को भी दिया. ट्रस्ट के वक्तव्य को लेकर अदालत ने पुन: आदेश में इस बात का उल्लेख किया कि मंदिर परिसर में जो भी खुली जगह है, उसका उपयोग केवल पार्किंग के लिए किया जाएगा.