संजय भाटिया: परिश्रम और काबिलियत से सफलता को अपने कदमों तक लाने वाला एक उदाहरण

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नागपुर: संजय भाटिया एक ऐसा नाम जिसने अपने परिश्रम और काबिलियत के दम पर सफलता को अपने कदम चूमने को मजबूर कर दिया। अपने तीस साल से ज्यादा नौकरी में लोग उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर जानते है जिसने पूरी शिद्दत और  ईमानदारी के साथ काम किए हैं। यही नहीं इन्होनें टेक्नोलॉजी का इस्तमाल कर के विभागों से भ्रष्टाचार को खत्म करने में अपनी अहम भूमिका निभाई हैं. 

भाटिया महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर के साथ दक्षिणी क्रॉस विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से एमबीए की डिग्री प्राप्त किया हैं. वह केंद्र सरकार में सचिव और राज्य में मुख्य सचिव पद के अधिकारी हैं. वर्तमान में वह मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष पद कर कार्यरत हैं.  

आईएएस भाटिया को अपने 33 साल के कार्यकाल में महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर काम करने का अनुभव हैं. इस दौरान उन्होंने कई सरकारी महत्वपूर्ण विभागों में  उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, पदों पर कार्य हैं. वह राज्य बिक्री कर विभाग के आयुक्त भी रहे हैं. इसी के साथ वह समांतर विभागों में अपनी सेवा दे चुके हैं. 

संजय अपनी कार्यकुशलता के लिए तो जाने ही जाते है, इसी के साथ वह उपदेशक के तौर पर पहचाने जाते हैं. वह हार्टफुलनेस (सहज मार्ग) मेडिटेशन के गुरु है और पिछले सत्रह वर्षों से इसका काम कर रहा है. उन्होंने ध्यान तकनीकों की मदद से इन सभी संगठनों में प्रबंधन और मानव संसाधन विकास में पारदर्शित सुधार लाया है. 

अपनी कुशलत के चलते भाटिया को कई सरकरी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया हैं. इन पुरस्कारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने , ई-गवर्नेंस अवार्ड्स, राजीव गांधी गतिमान प्रचारन और महा-शिल्पकार जैसे सम्मानों से नवाज़े गए हैं.  

देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा हुआ है. इस महामारी ने लोगों के जीवन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ने लगा हैं. इसको देखते हुए नवराष्ट्र-नवभारत ने वर्चुअल माध्यम पर ‘लॉकडाउन vibes’ वेबिनार का  द्वितीय संस्करण का आयोजन करने जा रहा हैं.’ लॉकडाउन के बाद निर्माण होने वाली परिस्थिति को सरकार किस तरह संभालेगी और कार्य करेगी उसपर संजय भाटिया अपने विचार 18 मई 2020 को नवभारत के फेसबुक पर शाम 5 बजे लाइव आकर चर्चा करेंगे.