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  • एयर होस्टेस बनने एक महीने पहले छोड़ा था घर

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नागपुर. लोहमार्ग पुलिस इतवारी की सतर्कता के चलते एक 15 वर्षीय बालिका को गलत हाथों में जाने से बचा लिया. बालिका को एयर होस्टेस बनना था लेकिन घर वालों के विरोध के चलते  एक महीने पहले ही घर छोड़कर भटक रही थी. जानकारी के अनुसार संगीता (बदला हुआ नाम) मूलत: सालेकसा, जिला गोंदिया की रहने वाली है. शुक्रवार दोपहर करीब 2.30 बजे इतवारी स्टेशन पर गश्त के दौरान जीआरपी के एपीआई राजेश वरठे, चरडे और भोयर को प्लेटफॉर्म 4 पर एक बालिका दिखाई दी. फिलहाल ट्रेनों की आवाजाही बेहद सीमित होने से बालिका को अकेले देखकर शक हुआ. पूछताछ पर करने पर उसने अपना नाम संगीता बताया.

विश्वास में लेकर जानी सच्चाई

पुलिस को देखकर पहले तो संगीता ने बरगलाने की कोशिश की, लेकिन एपीआई वरठे और बाकी जीआरपीकर्मियों ने उसे पूरी सुरक्षा का एहसास कराया. उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की तो संगीता ने सारा सच बता दिया. उसने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाली एक लड़की पिछले 2 वर्षों से नागपुर में एयर होस्टेस का कोर्स कर रही है. वह भी एयर होस्टेस बनना चाहती थी लेकिन घर वालों को यह मंजूर नहीं था. ऐसे में 31 मई को घर से भाग गई और नागपुर में अपनी दोस्त के यहां आ गई. यहां आने पर पता चला कि 18 वर्ष की उम्र से पहले इस कोर्स में एडमिशन नहीं मिल सकता. 

अपनी दोस्त को दी थी धमकी

उसकी दोस्त ने कहा कि वह अपने घर चले जाये तो बेहतर है. ऐसे में कुछ दिन अपने बाकी दोस्तों के साथ रहने के बाद शनिवार को वह स्टेशन पहुंची. लेकिन कहां जाये यह समझ नहीं आ रहा था. ऐसे में उसने अपनी उसी दोस्त को फोन किया और उसे स्टेशन बुलाया. मना करने पर संगीता ने धमकी दी कि यदि वह नहीं आई तो मैं मर भी सकती हूं. यह सुनकर उसकी दोस्त स्टेशन पहुंची लेकिन तब तक जीआरपी संगीता को अपने साथ थाने ला चुके थे.

पुलिस थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज था

जीआरपी द्वारा अधिक जांच करने पर पता चला कि सालेकसा थाने में संगीता की गुमशुदगी को लेकर मामला दर्ज है. ऐसे में उसके परिजनों से संपर्क कर पूरी जानकारी दी गई. सालेकसा पुलिस ने रात तक नागपुर पहुंचने की बात की, लेकिन तब तक संगीता को थाने में नहीं रखा जा सकता था. ऐसे में एपीआई मुबारक शेख ने सालेकसा पुलिस से संपर्क कर गोंदिया तक आने को कहा. फिर इतवारी से एक महिला और एक पुरुष कांस्टेबल को संगीता के साथ महाराष्ट्र एक्सप्रेस से गोंदिया भेजा और वहीं उसे सालेकसा पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया. यह कार्रवाई जीआरपी के पुलिस अधीक्षक एम. राजकुमार के मार्गदर्शन में पूरी की गई.