College students
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    नागपुर. 10वीं सीबीएसई और स्टेट बोर्ड दोनों के परिणाम घोषित होने के बाद अब 11वीं में प्रवेश के लिए पालकों सहित छात्रों की प्लानिंग शुरू हो गई है. हालांकि 21 अगस्त को सीईटी ली जानी है लेकिन छात्रों ने अभी से जूनियर कॉलेज का चयन कर लिया है. नामी कॉलेजों में प्रवेश के लिए सीईटी में अच्छा स्कोर करना चाहते हैं. इस बार 10वीं में अच्छे अंक मिलने की वजह से अधिकांश छात्रों का रूझान साइंस फैकल्टी की ओर देखने को मिल रहा है.

    साइंस फैकल्टी पहले से ही छात्रों को आकर्षित करती आई है. दरअसल 11वीं में साइंस फैकल्टी में प्रवेश लेने से 12वीं के बाद लगभग सभी संकायों सहित पाठ्यक्रम में प्रवेश के रास्ते खुल जाते हैं. वहीं मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित अन्य पाठयक्रमों में प्रवेश के लिए भी साइंस फैकल्टी ही आवश्यक होती है. इस बार सीईटी होने से मेरिट सूची के आधार पर छात्रों को जूनियर कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा, जबकि इससे पहले 10वीं के अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयारी होती थी. यही वजह है कि इस बार प्रवेश में स्पर्धा देखने को मिल सकती है लेकिन यह स्पर्धा नामी जूनियर कॉलेजों के लिए अधिक रहेगी.

    बायोफोकल में अधिक रुचि 

    मेडिकल और इंजीनियरिंग में जाने वाले अधिकांश छात्र बायोफोकल में प्रवेश लेते हैं. बायोफोकल में प्रवेश लेने का प्रमुख फायदा यह होता है कि प्रैक्टिकल 100 अंकों का होता है जिसमें छात्रों को अधिकतम अंक मिल जाते हैं. वहीं जनरल साइंस के फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी में से कोई एक विषय हट जाता है. इसकी बजाय कम्प्यूटर साइंस, आईटी या फिर फिशरीज जुड़ जाता है. इससे छात्रों को सीईटी, नीट या फिर एआईआईआई की तैयारी करने में वक्त मिल जाता है. यही वजह है कि प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बायोफोकल पसंदीदा होता है. वैसे सिटी के जूनियर कॉलेजों में बायोफोकल की सीटें भी पर्याप्त हैं. करीब 5,000 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सभी सीटें नहीं भर पा रही हैं.

    100 अंकों की होगी परीक्षा  

    छात्र भले ही प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी पूरी आत्मविश्वास से करते हों लेकिन इस बार 10वीं की परीक्षा नहीं होने से अभिभावक भी अपने बच्चों की क्षमता का आकलन नहीं कर पाए हैं. यही वजह है कि अब छात्र सीईटी पर फोकस कर रहे हैं. सीईटी में मिलने वाले अच्छे अंक ही छात्रों को उनकी पसंद का जूनियर कॉलेज दिलाने में मददगार साबित होगा. 100 अंकों की परीक्षा में 150 से अधिक प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं सभी प्रश्न वैकल्पिक होने से छात्र भी उतना टेंशन नहीं ले रहे हैं. परीक्षा ऑफलाइन लेने की घोषणा शिक्षा विभाग ने की है. यही वजह है कि सभी की नजर परीक्षा की व्यवस्था पर लगी हुई है.

    59,250 11वीं में कुल सीटें

    9,660 सीटें आर्ट में

    18,000 सीटें कामर्स की

    27,460 साइंस की सीटें

    10वीं में जिले में उत्तीर्ण छात्र  

    प्रावीण्य प्राप्त  – 21,635

    प्रथम श्रेणी – 21,869

    द्वितीय श्रेणी – 9,096

    कुल  – 59,847

    उत्तीर्ण होने वाली लड़के – 30,225

    उत्तीर्ण होने वाली लड़कियां – 29,622