सेतू में प्रमाणपत्र बनवाने लग रहा जमघट- कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

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नागपुर. भले ही अनलॉक हो चुका हो, जल्द ही वैक्सीन भी आने के दावें किये जा रहे है लेकिन बावजूद इसके कोरोना का डर समाप्त नहीं हुआ है. दूसरी ओर, कोरोना को लेकर जनता के लिए कई सख्त नियम बनाने वाले सरकार के सरकारी कार्यालयों में भी खचाखच भीड़ नजर आ रही है. शहर के सेतू कार्यालय में हर दिन ऐसा नजारा दिखाई दे रहा है जहां विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र बनाने वालों का हुजूम उमड़ रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड रही है.

भारी पड़ सकती है लापरवाही

उल्लेखनीय है कि कोरोना का खतरा अब भी कायम है. लेकिन स्कूल, कालेजों के अलावा अन्य सभी जरूरी प्रमाणपत्र बनाये जाते हैं. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलें शुरू कर चुकी है. वहीं, जूनियर और सीनियर कालेजों के अलावा प्रोफेशनल कोर्सेस जैसे इंजीनियरिंग, फार्मेसी आदि कोर्सेस के कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. ऐसे में पालकों और विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्रों की जरूरत पड़ रही है. इसलिए इन दिनों सेतू कार्यालय में भारी भीड़ नजर आ रही है. हालांकि हर वर्ष ही ऐसी स्थिति रही है लेकिन वर्ष 2020 को कोरोना वर्ष माना जा रहा है. ऐसे में यह भीड़ भारी नुकसानदायक साबित हो सकती है.

… तो वापस ले लें सरकारी आदेश

कोरोना से बचाव के लिए सरकार ने कई प्रकार की गाइडलाइन्स जारी कर रखी है जिसमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भी अनिवार्य किया गया है. हालांकि सेतू में जमा भीड़ को देखकर लगता है कि सरकारी कार्यालयों में ही इन दिशानिर्देशों को हवा में उड़ाया जा रहा है. यहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग मिलती है और नाम ही मास्क के प्रति बहुत अधिक गंभीरता. सेनेटाइज की व्यवस्था भी केवल दिखावे सरीखी हो गई है. 

आखिर गलती किसकी

हालांकि यह सवाल दोनों तरफ लागू होता है कि आखिर सेतू में हो रही भीड़ के लिए जिम्मेदार कौन है, लोग या सेतू कार्यालय प्रबंधन? कालेजों में प्रवेश प्रकिया की समय सीमा नियत है जबकि छात्रों की संख्या अधिक. ऐसे में लोगों की मजबूरी है कि वह जल्द से जल्द से प्रमाणपत्र बनाकर अपने बच्चों का प्रवेश करा सकें. लेकिन सेतू कार्यालय प्रबंधन द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था क्यों नहीं गई कि लोगों को दूर-दूर खड़ा किया जा सके. इसके लिए अतिरिक्त खिड़कियां शुरू की जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. केवल दीवारों पर कोरोना से बचाव के दिशानिर्देशों भरे पोस्टर लगाकर इतिश्री कर ली गई.