- करें अपनी व परिवार की चिंता और दूसरों का चिंतन
नागपुर. कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को घुटने पर ला दिया है. हमारा देश भी इससे बुरी तरह जूझ रहा है. आरेंज सिटी में भी हर दिन हजारों मरीज मिल रहे हैं और 35 से 45 के बीच मौतें भी हो रही है. नागपुर जैसे शहर में यह आंकड़ा बहुत चिंताजनक है. कोरोना के खिलाफ जारी इस जंग में एक मास्क एक बहुत बड़ा हथियार है. बावजूद इसके आरेंजसिटी में आज भी हर दिन सैकड़ों लोगों पर बिना मास्क पहने लोगों पर कार्रवाई हो रही है. ऐसे लोग अपने साथ दूसरों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं. कोरोना की इस जंग में हर जान को बचाने के लिए अपनी जान खतरे में डालने वाले कोरोना वारियर्स आरेंज सिटी की जनता से एकस्वर में अपील कर रहे हैं – छोटा सा टास्क, मत भूलो मास्क.
गलत तरीका कर सकता है संक्रमित्र
सिटी में पुलिस और मनपा की एनडीसी टीमें हर दिन करीब 1,000 लोगों पर मास्क ना पहनने की कार्रवाई कर रही है. जानकारों की मानें तो कोरोना का एक पाजिटिव मरीज (सिम्पमेटिक या असिम्पमेटिक) कम से कम 400 से अधिक लोगों को बीमार बना सकता है. यह स्थिति और भी खतरनाक है जब लोगों में कोरोना के लक्षण दिखने बंद हो गये हैं. ऐसे में सिर्फ चेहरे पर मास्क चढ़ाने से सावधानी का पालन नहीं कहा जा सकता. मास्क पहनने का गलत तरीका भी, मास्क ना पहनने जैसा ही है. देखने में आया है कि मोबाइल पर बात करते समय लोग मास्क चेहरे से नीचे उतार लेते हैं. इससे अन्य लोगों का संक्रमण हो सकता है.
चेहरे के साथ मन का भी मास्क जरूरी : DCP राजमाने
शहर पुलिस (क्राइम) डीसीपी गजानन राजमाने ने कहा कि कोरोना के कारण हमने भी अपने जवान खोये हैं और कई बीमार हैं जिनका इलाज जारी है. हमें विभाग में देखने में आया है कि जिन्होंने नियमित तौर मास्क पहना, वे बचे हुए है. जिन्होंने लापरवाही बरती, वे इस जानलेवा बीमारी के शिकार हुए हैं. इससे पता चलता है कि मास्क कितना जरूरी है. एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति पूरे परिवार को बीमार कर सकता है. घर से बाहर निकलते समय ‘मेरा परिवार-मेरी जिम्मेदारी’ का ख्याल रखें. देखने में आया है कि कोरोना से मौतों में संक्रमित मरीजों का डर भी बड़ी वजह रहा है. इससे डरे नहीं, इलाज कराये. इसलिए चेहरे पर मास्क के साथ मन पर भी मास्क लगाकर डर को दूर रखें.
इंफेक्शन का बेरियर है : डा. पूनम मदान
डा. पूनम मदान की मानें तो मास्क कोरोना जैसे जानलेवा इंफेक्शन के लिए बेरियर के समान है. जिस तरह रेलवे क्रासिंग हो या फिर सड़क पर लगे बेरियर के कारण वाहनों को रोका जाता है, ठीक इसी प्रकार मास्क भी कोरोना वायरस को अपने भीतर आने से रोक लेता है. दूसरे शब्दों में इसे सेफ्टी शिल्ड भी कहा जा सकता है.
हमसे ज्यादा परेशान तो नहीं आप : सपना कानफाडे
युवा नर्स सपना कानफाडे ने कहा कि हमें एयरटाइट, भारी-भरकम पीपीई किट में 8 से 10 घंटे तक काम करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ लोगों को 6 इंच का मास्क पहनने में परेशानी हो रही है. यह हैरानी की बात है. अगली बार मास्क ना पहनने से पहले डाक्टर्स और नर्सों को याद कर लीजिये, अपनी और अपनों की जान की कीमत समझ जायेंगे. इसलिए मास्क जरूरी पहनें.