3,137 new cases of Kovid-19 were reported in Delhi, the number of infected has crossed 53 thousand.
File Photo

Loading

नागपुर. एक ओर जहां कोरोना के मरीज बढ़ने का सिलसिला जारी है. वहीं दूसरी ओर सिविअर एक्युट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (सारी) के मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं. अकेले मेडिकल में पिछले 8 महीने में सारी के 3500 मरीजों का पता चला. वहीं 490 मरीजों की मृत्यु हो गई. कोरोना जैसे ही लक्षण होने की वजह से बीमारी का समय पर इलाज न होने से सारी जानलेवा बना.

जिले में कोरोना सहित सारी का भी संकट बना हुआ है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के बाद भी प्रशासन द्वारा उतनी गंभीरता नहीं दिखाई गई. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में फरवरी से ही कोरोना और सारी के मरीजों का पंजीयन किया जा रहा है. साथ ही दोनों मरीजों का अलग-अलग पद्धति से इलाज किया जा रहा है. मेडिकल में तो सारी के लिए अलग वार्ड भी बनाया गया है. कई सारी के मरीजों को कोरोना का संक्रमण होने की वजह से भी उनकी मौत हुई है. पिछले 8 महीने के भीतर मेडिकल में 3500 सारी के मरीजों को भर्ती किया गया. विदर्भ के सभी 6 मेडिकल कालेजों में अब तक 7000 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है. 

स्वास्थ्य विभाग के पास जानकारी का अभाव

नागपुर के मेडिकल में सारी बाधितों की जानकारी उपलब्ध हैं. लेकिन राज्य के जिला अस्पतालों, ग्रामीण और उपजिला अस्पतालों की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के संचालक कार्यालय से संपर्क किये जाने पर प्रतिसाद नहीं मिल सका. माना जा रहा है कि राज्यभर में सारी के मरीज 15000 से भी अधिक होगें. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास विभाग स्तरीय जानकारी का अभाव है.

विदर्भ में अब तक गडचिरोली जिले के बाद चंद्रपुर जिले में सारी के सबसे अधिक मरीज पाये गये हैं. सारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीरता नहीं बरती गई. कई मरीजों को तो शुरूआत में यह भी नहीं मालूम था कि यह बीमारी क्या होती है. इस बीमारी में भी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं. साथ ही कमजोरी, न्यूमोनिया श्वसन में तकलीफ छाती में दर्द रक्त शुद्धिकरण क्षमता कम होने जैसे लक्षण पाये जाते हैं. इन मरीजों को वेंटिलेशन की जरुरत ज्यादा होती है.