no Water supply
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नागपुर. कोरोना के मद्देनजर सतरंजीपुरा जोन का अधिकांश हिस्सा प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है. प्रतिबंधित क्षेत्र में जनता जहां कंटेनमेंट जोन की त्रासदी से जूझ रही है, वही जल समस्या की परेशानी भी झेल रही है. चूंकि यह हिस्सा प्रतिबंधित है. अत: लोगों को पर्याप्त और उचित समय पर जलापूर्ति होना जरूरी है. अत: निर्मित हुई जल समस्या पर तुरंत उपाय कर लोगों की जल समस्या हल करने के निर्देश स्थायी समिति सभापति एवं जलप्रदाय समिति सभापति पिंटू झलके ने प्रशासन को दिए. जलसमस्या को लेकर मंगलवार को गांधीबाग, सतरंजीपुरा, लकड़गंज जोन की समीक्षा बैठक ली गई, जिसमें उपमहापौर मनीषा कोठे, दुनेश्वर पेठे, नरेन्द्र बोरकर, आभा पांडे, भगवान मेंढे, अभिरुचि राजगिरे, पुरुषोत्तम हजारे, नितिन साठवने, रमेश पुणेकर, चेतना टांक, श्वेता बैनर्जी आदि उपस्थित थे. 

गांधीबाग जोन में नहीं समस्या
बैठक में आश्चर्यजनक यह रहा कि गांधीबाग जोन अंतर्गत आनेवाले क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर किसी भी तरह की समस्या नहीं होने का संतोष लगभग सभी पार्षदों की ओर से जताया गया, जबकि सतरंजीपुरा और लकड़गंज जोन के पार्षदों की ओर से जल समस्या को लेकर आवाज उठाई गई. पार्षदों का मानना था कि लकड़गंज जोन के अधिकांश हिस्सों में अभी भी टैंकरों से जलापूर्ति करनी पड़ती है. यहां तक कि अपर्याप्त टैंकर की संख्या के चलते लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, जिसे गंभीरता से लेते हुए सभापति झलके ने लकड़गंज जोन में तुरंत टैंकर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. सतरंजीपुरा जोन में जलापूर्ति सामान्य रखने की हिदायत प्रशासन को दी.

समस्या हल नहीं, तो करेंगे आंदोलन
बैठक में सतरंजीपुरा जोन अंतर्गत प्रभाग 21 (क) के कई इलाकों में चल रही समस्याओं पर रोष जताते हुए पार्षद आभा पांडे ने कहा कि प्रभाग में जलापूर्ति की व्यवस्था केवल वाल्व आपरेटर और सुपरवाईजर के भरोसे चल रही है. ऐसा लग रहा है कि वरिष्ठ अधिकारी होम क्वारंटाइन हो गए हैं.

यहीं कारण है कि कई बार शिकायतें करने के बावजूद समस्याएं हल नहीं हो रही है. अनेक हिस्सों में टैंकर से जलापूर्ति हो रही है. नए नेटवर्क के बावजूद उससे जलापूर्ति नहीं हो रही है. कई लोगों के नामों के साथ उदहारण देते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय से लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. यदि 7 दिनों के भीतर तमाम क्षेत्रों की जलापूर्ति सुचारू नहीं की गई, तो लोगों के साथ इस संकटकाल में भी आंदोलन करने की चेतावनी उन्होंने दी.