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  • गणेशपेठ स्टैंड परिसर से एजेंट ले जा रहे सवारी

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नागपुर. पहले ही कोरेाना संक्रमण के चलते कम सवारी और भारी आर्थिक परेशानी से गुजर रही एसटी महामंडल को को अब प्राइवेट बसों के एजेंटों ने चूना लगाना शुरू कर दिया है. कम से कम नागपुर के गणेशपेठ एसटी स्टैंड पर तो यह नजारा दिख ही रहा है. कम सवारी मिलने से प्राइवेट बसों के एजेंट बिना किसी डर के बस स्टैंड परिसर में आकर सवारियों को बहला फुसलाकर अपनी बसों में बैठा रहे हैं. दूसरी तरफ, एसटी महामंडल प्रबंधन हाथ बांधे नुकसान को झेल रहा है.

मनमर्जी या सांठगांठ!

हालांकि यह नजारा नया नहीं है. लाकडाउन से पहले भी प्राइवेट बसों के एजेंट ऐसा करते थे. हालांकि उस समय यात्रियों की संख्या भी वर्तमान से कहीं अधिक होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है. यात्रियों का टोटा इसी बात से समझ आता है कि हजारों बसों वाला एसटी महामंडल केवल 50 प्रतिशत बसें की संचालित कर रहा है. ऐसे में बची-कुची सवारियां भी प्राइवेट बस संचालक अपनी ओर खींच रहे हैं और वह भी एसटी स्टैंड परिसर से. इससे प्राइवेट बस संचालकों की मनमर्जी तो नजर आती है लेकिन सबकुछ जानते-बुझते भी स्टैंड प्रबंधन की चुप्पी से सांठगांठ का शक भी होता है. 

कम किराये का लालच, पर टाइम भी खर्च

ऐसा नहीं है कि प्राइवेट बसों के एजेंट केवल एसटी को चूना लगा रहे हैं. बल्कि वे यात्रियों को ढगने से भी बाज नहीं आ रहे. पहले भी देखने में आता था कि प्राइवेट बस वालों ने किसी रूट पर अपनी टाइमिंग एसटी बसों की टाइमिंग के अनुसार सेट कर रखी थी. एसटी बसों से ठीक 10 या 15 मिनट पहले उसी रूट पर अपनी बसें रवाना करके प्राइवेट बस संचालक अधिकांश सवारी खुद ही बटोर लेते थे. अब एजेंट स्टैंड परिसर में जाकर पहले यात्रियों से बातचीत करके दोस्ती करते हैं और प्राइवेट बसों में सस्ता किराया और बेहतर सुविधा की लालच देते हैं. इस लालच में फंसकर यात्री प्राइवेट बस में सवार हो जाता है और इस बीच एसटी बस अपनी टाइम से रवाना हो जाती है. दूसरी तरफ यात्री प्राइवेट बस में ही फंसा रह जाता है क्योंकि ड्राइवर तब तक वाहन आगे नहीं बढ़ाता जब तक कि उनके मनमाफिक संख्या की सवारियां ना मिल जाये. ऐसे में यात्री स्वयं का ढगा समझकर चुपचाप अपना समय बर्बाद करने पर मजबूर हो जाता है.

FIR के निर्देश

एसटी महामंडल के विभाग कंट्रोलर नीलेश बेलसरे ने इस बारे में कहा कि ऐसे मामले हमारे संज्ञान में आये हैं जिनमें प्राइवेट बसों के एजेंट एसटी स्टैंड परिसर से यात्रियों को बहला  फुसलाकर अपने वाहन में बैठा रहे हैं. चूंकि ये सामान्य वेशभूषा में होते हैं और यात्रियों से मिलनसार होकर बात करते हैं इसलिए इन्हें पहचानना मुश्किल होता है. बावजूद इसके, प्रबंधन द्वारा ट्राफिक कंट्रोलर को निर्देश दिये गय है कि इन पर कार्रवाई की जाये और जररूत पड़े तो एफआईआर भी दर्ज करें.