Railway Station Platform No 8

  • दिशानिर्देशों को लेकर कहीं नरमी, कहीं सख्ती

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नागपुर. रेलवे बोर्ड को लगा था कि कोरोना आपदा को अवसर में बदलकर स्टेशन पर यात्रियों को एयरपोर्ट की भांति व्यवस्था व सुविधायें दी जा सकेगी लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. नागपुर स्टेशन पर भी यात्रियों की बढ़ती आवाजाही से हालात सामान्य से नजर आने लगे हैं लेकिन 90 मिनट पहले पहुंचने जैसे सख्त दिशानिर्देशों के कारण उन्हें भारी परेशानी भी हो रही है. हालांकि एसी कोचेस में बेडरोल की मनाही की तरह 90 मिनट पहले पहुंचने की व्यवस्था भी रेलवे बोर्ड का नीतिगत निर्णय है. ऐसे में मंडल प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता लेकिन परेशानी तो कायम है. दूसरी तरफ, प्लेटफार्म 8 सबसे अलग होने के चलते यहां उतनी व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही जितनी की प्लेटफार्म 1 से प्रवेश के दौरान बरती जाती है.

…तो डेढ़ घंटे पहले क्यों आये यात्री

यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए फाइनल चार्टिंग के बाद करंट टिकट कोटा दोबारा शुरू किया गया. नियमों में बदलाव कर यात्रियों को सहूलियत दी गई कि वे ट्रेन रवाना होने से 30 से 5 मिनट पहले तक कन्फर्म करंट टिकट ले सकेंगे. यदि यात्री 5 मिनट पहले तक कन्फर्म टिकट खरीद सकता है तो फिर पहले से आरक्षित टिकटधारी यात्रियों को 90 मिनट पहले बुलाने का औचित्य समझ से परे है. इन 90 मिनटों में यात्री अपने परिवार के साथ स्टेशन पर परेशान होता रहता है.

PF 8 पर भी हो ‘आत्मा’ से जांच

प्लेटफार्म 1 के प्रवेश द्वार पर लगी कम्प्यूटरीकृत प्रणाली ‘आत्मा’ से यात्रियों का शारीरिक तापमान और टिकट जांच जारी है लेकिन प्लेटफार्म 8 पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. अक्टूबर माह से दोबारा शुरू की गई दुरांतो एक्सप्रेस और विदर्भ एक्सप्रेस को इसी प्लेटफार्म से संचालित किया जा रहा है. शुरू में हर बात की गंभीरता दिखाई गई लेकिन अब स्टेशन प्रबंधन भी स्थिति को सामान्य समझने लगा है. ऐसे में यदि प्लेटफार्म 8 पर यात्री 90 मिनट पहले पहुंच जाये तो वह बिना किसी जांच के सीधे भीतर तक आ जाते हैं. ऐसे में प्लेटफार्म 8 पर ‘आत्मा’ सिस्टम जरूरी है.

अधिक किराया वसूली तो सैनेटाइजर, PPE किट क्यों खरीदे

रेलवे द्वारा नागपुर समेत विभिन्न स्टेशनों पर विशेष स्टॉल शुरू किए हैं जहां से यात्री हैंड सैनेटाइजर, मास्क, पीपीई किट, डिस्पोजेबल लिनेन आदि चीजें खरीद सकते हैं. स्टेशन परिसर में प्रवेश के बाद यात्री और उनके सामान की सुरक्षा रेलवे की जिम्मेदारी बन जाती है. सवाल यह है कि यदि यात्री की सुरक्षा रेलवे की जिम्मेदारी है तो फिर उपरोक्त सुरक्षा उपकरणों के लिए वह अतिरिक्त भुगतान क्यों करें. जबकि स्पेशल ट्रेनों में उनसे किराया भी अधिक वसूला जा रहा है. दूसरी तरफ, एयरपोर्ट पर ये सारे उपकरण यात्री को फ्लाइट कम्पनी की ओर से प्रदान किये जा रहे हैं. 

अंजान यात्रियों से बिगड़ रही व्यवस्था

कोरोना स्टेशन के पश्चिमी भाग में मुख्य प्रवेश द्वार से इंट्री जबकि आरपीएफ थाने के पास बने एक्सेलेटर से निकासी की व्यवस्था की गई है. लेकिन प्लेटफार्म 2 और 3 पर उतरने वाले कई यात्री गफलत में इटारसी छोर की पुलिया से प्लेटफार्म 1 पर पहुंचकर प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने का प्रयास करते नजर आते हैं. फिर यहां यात्रियों का जमावड़ा हो जाता है. ऐसे में ड्यूटी पर मौजूद टीटीई या स्टेशन प्रबंधन स्टाफ को दोहरा काम करके यात्रियों को निकासी द्वार दिखाना पड़ रहा है.