Three cases including revenue inspector sued in case of misappropriation of land in documents

  • नॉन कोविड मरीज उपचार शुल्क नियंत्रण का मामला

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नागपुर. हाईकोर्ट ने शहर में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे प्राइवेट हास्पिटलों को एक बड़ी राहत दी है जिसमें गैर कोरोना मरीजों के उपचार पर राज्य सरकार द्वारा 21 मई को जारी अधिसूचना पर स्टे लगा दिया गया है. इस अधिसूचना में सरकार ने उपचार शुल्क तय करने का निर्णय लिया था.

मुंबई की फिजीशियन एसोसिएशन आफ मेडिकल कन्सल्टंट्स (एएमसी) की ओर से इस अधिसूचना के लिए खिलाफ याचिका दायर की गई थी. मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी.

एएमसी ने अपनी दलील में कहा कि सरकार का यह निर्णय एकतरफा है और इससे डाक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड रोगियों के इलाज के लिए दरें तय की थीं. इसके बाद मई में नॉन कोविड मरीजों के उपचार की भी दर तय कर दी गई जो पूरी तरह से गलत है.

गैर कोरोना मरीजों के उपचार का प्रश्न आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी संबंधी रोगों के अंतर्गत नहीं आता है. ऐसी परिस्थिति में सरकार को उपचार दर तय करने का अधिकार नहीं है.