अजनी कॉलोनी में पेडो का अवैध कत्तलखाना बंद करें!

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नागपुर. 100 साल पहले अंग्रेजो ने अजनी रेल्वे कालोनी को बसाया था, जो एशिया की सबसे बडी कालोनी कहलाती थी, अजनी रेल्वे स्टेशन के पुर्वी भाग की 44 एकड जमीन पर अधिकारी, डॉक्टर्स, ड्रायव्हर, और गार्ड के लिए सुंदर और पर्यावरणपूरक रहवासी बंगले बनाए थे. इसमें रहने वालो के राजसी थाट थे. चारो ओर हरियाली और हजारो पेड लगे थे.

प्रसन्न वातावरण तथा गर्मी से राहत मिलने के लिए अंग्रेजो ने सबसे ज्यादा निम के पेड लगाए थे तथा चिचविलाई के पेड इंग्लैंड से लाए थे. जिसको हम विलायती ईमली कहते थे. इसके अलावा आम, पिपल, बड, सिसम, बीजा और करौजी के पेड भी यहा लगें है. जिसमें से अधिकांश पेड देड से दौ सौ साल पुराने है.

अब अजनी में इंटर मॉडल स्टेशन बन रहा है. जिसके लिए बंगले जो हमारी धरोहर है. उसको तोडा जाएगा, और करीब दस हजार छोटे बडे पेडो को कत्ल किया जाएगा. यहा सैकडो पेड चोरी छिपे काट दिए है. जिसकी महानगरपालिका के उद्यान विभाग को कानोकान खबर नही है. जबकी वन संरक्षण अधिनियम के अनुसार कोर्ट परिसर हो या पोलिस विभाग इनको भी पेड काटने की महानगरपालिका से अनुमती लेना पडता है. और कोई भी पेड की अवैध कटाई करने वाले पर गैर जमानती गुन्हा दाखल होता है. फिर रेल्वे के अधिकारीयो ने जो पेडो की अवैध कटाई करवाई है उन पर महानगरपालीका महेरबान क्यो?

क्या मेनका गांधी यहा दखल देंगी?

इन पेडो पर हजारों की संख्या में तोते और तरह तरह के पक्षियों के घोसले है जिसमे उनके अंडे औ बच्चे है अगर इन पेडो को कत्ल कर दिया जाता है तो बच्चे और अंडे दोनो ख्सत्म हो जाएंगे उनकी हत्या व जिम्मेदार कौन होंगे? गो हत्या के खिलाफ कानुन बनाने वाली सरकारे क्या पक्षियों की हत्या करने वालो के खिलाफ भी कानुन बनाएंगी. मुंबई की आरे कालोनी में कोर्ट की रोक के बावजुद रातोरात तत्कालीन राज्य सरकार 1500 पेड काटे थे. जिस में हजारो पक्षियों के बच्चो की मौत हो गई थी.

इसका संज्ञान पूर्व पार्षद तनवीर अहमद, ॲड. अशोक यावले, आनंदसिंग ठाकुर, सँड. शिरीष तिवारी, कुव मेहरोलीया, संजय शिंदे, केतन ठाकूर, हेमंत चौधरी, भिमराव लांजेवार, किसन निखारे, प्रकाश शेगांवकर, शेख रशी भिमराव हाडके, सोहन पटेल, व्दारका यादव, राजु मिश्रा, सय्यद बिस्मील्लाह, शेख इस्माईल, पण शेख, दिलीप कैथवार राकेश गंगोलीया ने किया और अजनी की विरासत बचाने की तथा पेडो की कटाई पर विराम लगाने की मांग के अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी.