Medical Hospital, GMCH
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    नागपुर. मनपा, ग्रामीण और प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मरीजों को लगातार मेडिकल में रेफर किये जाने का नतीजा यह हो रहा है कि मेडिसिन कैजुअल्टी में बेड से अधिक मरीज हो गये हैं. गुरुवार की शाम को स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. कुल 20 बेड पर 40 से अधिक मरीजों को रखा गया. इसमें दो मरीज कोरोना पॉजिटिव भी थे. इतना नहीं दो मरीजों की मौत होने के बाद करीब 2 घंटे तक शव परिसर में ही पड़ा रहा.

    मनपा और जिला प्रशासन द्वारा केवल कागजों पर घोषणा और निर्णय लिये जा रहे हैं, लेकिन मेडिकल और मेयो के हालत तेजी से बिगड़ रहे हैं. प्राइवेट अस्पताल केवल कोरोना मरीजों को ही भर्ती करने में रुचि दिखा रहे हैं. इस हालत में निर्धन व जरूरतमंद मरीजों के लिए मेडिकल ही एकमात्र सहारा रह गया है.

    पिछले दो दिनों से मेडिसिन कैजुअल्टी में मरीजों की संख्या बढ़ी है. गुरुवार को तो देखते ही देखते मेले जैसी स्थिति बन गई. बेड कम पड़ने से एक बेड पर 2-3 मरीजों को रखा गया. इस बीच दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉक्टर और नर्स में भी हडकंप मच गया.

    सभी झटक रहे हाथ

    ग्रामीण भागों से मरीजों के आने का सिलसिला बढ़ा है. वहीं, प्राइवेट अस्पताल भी कोरोना के संदेह में सीधे मेडिकल ही भेज रहे हैं. इस हालत में मेडिकल के डॉक्टरों पर प्रेशर बढ़ गया है. इससे पहले ही मेडिकल में कुछ डॉक्टर नर्सेस पॉजिटिव आ चुकी है.

    दरअसल, ओपीडी के बाद इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कैजुअल्टी में रखा जाता है यहां जांच की जाती है. यदि किसी मरीज को भर्ती करने की जरूरत हो तो उसे वार्ड में भेजा जाता है. जबकि कई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी जाती है. लेकिन अचानक कैजुअल्टी में मरीज बढ़ने लगे हैं. यदि यही हालत रही तो नॉन कोविड मरीजों का मेडिकल में इलाज कराना मुश्किल हो जाएगा.