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नागपुर. कोरोना लॉकडाउन के चलते उसकी नौकरी छूट गई. घर में आर्थिक तंगी के चलते कलह होने लगी. पत्नी मायके गई और हताश होकर एक व्यक्ति ने सलून के रेस्टरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक पिपला निवासी शैलेष यशवंत लक्षणे (35) बताया गया. शैलेष पहले बेसा रोड के सिध्दसाई कांप्लेक्स में स्थित आशीष कड़वे के सलून में काम करता था. कुछ समय पहले उसने नौकरी छोड़ दी और दूसरी दूकान में काम करने लगा.

कोरोना लॉकडाउन के चलते शहर के सभी सलून बंद पड़ गए. ऐसे में शैलेष की नौकरी चली गई. घर में आर्थित तंगी होने लगी. शैलेष पत्नी से विवाद करने लगा. रक्षाबंधन में पत्नी अपने मायके चली गई. अनबन के चलते कई दिन बीत जाने के बावजूद घर नहीं लौटी. वहीं शैलेष बेरोजगार होने के कारण तनाव में यहां-वहां फिर रहा था.

मंगलवार की सुबह 10.15 बजे के दौरान वह आशीष के सलून में पहुंचा. उन्हें परेशान हूं बताया और कुछ देर रेस्टरूम में आराम कर लेता हूं कहा. रेस्टरूम में जाकर शैलेष ने सीलिंग फैन से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली. 11.15 बजे के दौरान आशीष रेस्टरूम में गए तो घटना का पता चला और पुलिस को जानकारी दी.

पुलिस तो फिलहाल कलह के चलते आत्महत्या किए जाने की बात कर रही है, लेकिन नाभिक युवा शक्ती के अध्यक्ष अमोल तेलखंडे, सचिव प्रवीण चौधरी और जिला अध्यक्ष अमोल ठमके ने शैलेष की मौत को कोरोना की बली बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सलून संचालकों और कारागिरों पर भूखे मरने की नौबत आ गई है. सरकार को नाभिक समाज के लिए आर्थिक पैकेज घोषित करना चाहिए.