Yavatmal Market Crowd
File Photo

    Loading

    नागपुर. प्रशासन द्वारा 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया है. बावजूद लोग इसे मानने तो तैयार नहीं थे. इसलिए पुलिस प्रशासन ने कड़े कदम उठाए और बाहर निकलने वालों को पकड़ कर उनका स्पाट एंटीजन टेस्ट करवा कर सीधे क्वारंटाइन सेंटर भेजने की कार्रवाई शुरू की. इस कड़ी कार्रवाई का असर संडे को सिटी में नजर आया. सुबह कुछ देर की हलचल के बाद पूरे शहर की सड़कों, बाजार क्षेत्रों में वीरानी छायी रही थी. लोगों ने कार्रवाई के भय से संडे का पूरा समय घरों में बिताया लेकिन दूसरे ही दिन मंडे को सिटी के हर एरिया में सड़कों पर लोगों की आवाजाही नजर आई. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकले. इसमें कई तो बेवजह ही घूमने के निकले. कोरोना के जानलेवा विकराल रूप का भी भय ऐसे गैरजिम्मेदार लोगों में नजर नहीं आ रहा है. मॉर्निंग व इवनिंग वॉक की भी बंदी है लेकिन सुबह और देर शाम से देर रात तक लोगों को ग्रुप बनाकर बाहर घूमते देखा जा रहा है. मंडे को तो कई इलाकों में ऐसा ही नजारा दिखा.

    दिन में चेकिंग, शाम को फ्री

    बेवजह बाहर घूमने वाले उन चौराहों की ओर न फटकते हुए गलियों का उपयोग कर रहे हैं जहां पुलिस की चेकिंग चलती दिख रही है. वहीं, पुलिस व मनपा प्रशासन द्वारा चेकिंग शाम को बंद कर दी जाती है. उसके बाद बड़ी संख्या में लोग बाहर घूमने निकल रहे हैं. युवावर्ग तो गुटखा, खर्रा, सिगरेट के जुगाड़ में निकल रहा है. बाइक में 3-3 सवारी भी नजर आ रही है. हालांकि कुछ स्पाट पर पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को पकड़कर एंटीजन टेस्ट भी करवाया गया लेकिन बाहर घूमने वाले सिटी की भीतरी सड़कों व गलियों का उपयोग कर रहे हैं. बाजार पूरी तरह बंद रहे और किराना, डेयरी, मेडिकल को छोड़कर सारे प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद ही रहे. फिर लोग क्यों बाहर घूम रहे हैं यह समझ से परे हैं. प्रशासन भी नागरिकों से अपील कर थक सा गया है. गैरजिम्मेदार लोग सुनने को तैयार नहीं हैं. 

    कोरोना टेस्ट का बहाना

    एक चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि लोगों के पास कई तरह के बहाने हैं. कुछ तो ऐसे हैं कि उन्हें छोड़ना ही पड़ता है. कुछ वैक्सीन लगाने जाने का बहाना बनाते हैं कुछ दवा लाने का. इसके अलावा आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए पैथालॉजी लैब जाने का भी कारण बताया जाता है. जो दवा लाने का बहाना बनाते हैं उनसे दवा की पर्ची की जांच की जा रही है. जिसका झूठ पकड़ा जाता है उसका स्पाट पर ही एंटीजन करवाया जा रहा है. निगेटिव आने के बाद उसे चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं. लेकिन लोगों को समझदारी से काम लेना चाहिए और प्रशासन का सहयोग करना चाहिए क्योंकि पुलिस और प्रशासन उनके भले के लिए कार्य कर रहा है. 

    यहां किसी का ध्यान नहीं

    लॉकडाउन में भले ही व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखें हों, पूरा बाजार भी बंद रहा लेकिन मजदूरों के ठीये पर सुबह से ही भारी जमघट देखा गया. ये सारे मजदूर मास्क भी नहीं लगाए हुए थे. मानेवाड़ा सीमेंट रोड पर ज्ञानेश्वरनगर के समीप लगने वाले ठीये में मजूदर जमा हुए थे और इनमें से अधिकतर ने मास्क नहीं लगाया था, न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. ऐसा ही नजारा भांडे प्लॉट चौक की ओर जाने वाले रोड में सेंटर प्वाइंट बॉलीवुड पार्क के समीप भी मजदूरों के ठीया का है. यहां भी सुबह से ही काफी मजदूर नजर आए. हालांकि, कोरोना के चलते अधिकतर साइट्स पर काम बंद हैं और लोगों ने बाहर से मजदूर लाने भी बंद कर दिये हैं. लेकिन रोजी रोटी की आशा से मजदूर एकत्र हो रहे हैं. कोविड-19 के नियमों का पालन करने के लिए इनका मार्गदर्शन करने की जरूरत है. 

    चोरी छिपे बिक रही शराब, सिगरेट

    कई इलाकों में चोरी छिपे शराब की बिक्री भी चल रही है. पानठेलों को छूट नहीं दी गई है लेकिन कुछ इलाकों में बिंदास बिक्री हो हो रही है. सिटी के कई इलाकों में पानठेला वालों ने थैलों में सामान भरकर अपने ठेलों के सामने ठीया जमाया हुआ है.  गिट्टीखदान, इंदौरा और जरीपटका, खामला सहित सिटी के कई इलाकों में पानठेला वालों ने अपनी दूकानें जरूर बंद रखी थी लेकिन सामने में बैठकर खर्रा, सिगरेट और गुटखा बेखौफ बेच रहे थे. ये भी दोगुने रेट में बिक्री करते देखे गए.