नागपुर. कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए पुलिस विभाग ने महानगरपालिका के साथ मिलकर रास्तों पर ही रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाने की योजना बनाई. यह अभियान काफी हद तक सफल भी रहा. जाने-अनजाने मौत बांटने निकले सुपर स्प्रेडर्स को पुलिस ने पकड़ा. 19 दिनों में कुल 4,834 लोगों की जांच की गई जिनमें 211 पॉजिटिव पाए गए. इन 211 लोगों में से अधिकांश को यह पता ही नहीं था कि वे कोरोना का शिकार हो चुके हैं. कुछ को मामूली लक्षण तो दिखाई दे रहे थे लेकिन तकलीफ ज्यादा न होने के कारण गंभीरता से नहीं लिया और न जांच करवाई. ऐसे में ये 211 लोग कितने खतरनाक साबित हो सकते थे इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है.
वैसे केंद्रीय स्वास्थ्य दल के अध्ययन के अनुसार भारत में एक कोरोना बाधित मरीज 200 से ज्यादा लोगों तक संक्रमण फैला सकता है. यदि इस अध्ययन को सही मान लिया जाए तो आंकड़ा 40,000 के ऊपर होता. यदि हम इसका असर 50 प्रश भी मान लें तो कम से कम 20,000 लोग प्रभावित हो सकते थे. ये आंकड़े वाकई चौंकाने वाले हैं. शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई थी. ऐसे में 20,000 मरीज और बढ़ जाते तो हालात कितने बिगड़ सकते थे, इसका अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता था.
5 नाकाबंदी प्वाइंट पर शुरू हुआ अभियान
सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद भी बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से निकल रहे थे. ऐसे में लोगों को घर पर रोकना जरूरी था. पुलिस किसी पर बल प्रयोग नहीं करना चाहती थी. संक्रमण को रोकना जरूरी हो गया था इसीलिए 17 अप्रैल से यह अभियान शुरू हुआ. ओल्ड काटोल नाका चौक, ऑटोमोटिव चौक, मानेवाड़ा चौक, प्रतापनगर चौक और मेयो अस्पताल चौक पर 5 नाकाबंदी प्वाइंट बनाए गए. मनपा आयुक्त ने यहां एंटीजन टेस्ट करने के लिए अपनी टीम लगा दी. तब से लगातार यह अभियान चल रहा है. बिगड़ते हालात में पुलिसकर्मियों ने रास्ते पर मोर्चा संभाले रखा. एक-एक व्यक्ति को रोककर जांच-पड़ताल करना खतरनाक हो सकता है यह जानते हुए भी अपनी जान दांव पर लगाकर पुलिसकर्मी कार्रवाई से पीछे नहीं हटे.
PPE किट और पारा 40 के पार
सीपी अमितेश कुमार ने विभाग को पहले ही निर्देश दिए थे कि केवल रास्तों पर बेवजह घूमने वालों की जांच की जाए. नौकरीपेशा और मेडिकल इमरजेंसी के चलते घर से निकले लोगों को बिल्कुल परेशानी न हो. ऐसे में रास्तों पर निकले वाहनों के रेले में से बेवजह घूमने निकलने वालों को पहचानना मुश्किल काम था. लेकिन इस काम में पुलिसकर्मी माहिर होते हैं. संदिग्धों को भीड़ के बीच से ढूंढने की कला उन्हें ही आती है. पारा 40 के ऊपर जा चुका है. तपती धूप में घंटों तक पीपीई किट पहनकर लोगों का एंटीजन टेस्ट कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों के हौसलों का तो अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता. इनकी जितनी सराहना की जाए कम है.
असरदार साबित हुई कार्रवाई : CP अमितेश कुमार
सीपी अमितेश कुमार से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि यह अभियान वाकई में असरदार साबित हुआ है. जांच में पॉजिटिव पाए गए 211 लोगों को यह नहीं पता था कि वे कोरोना का शिकार हो चुके हैं. ऐसे में ये लोग सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते थे. पुलिस ने उन्हें जांच के बाद 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया. सरकार ने सही समय पर सख्त लॉकडाउन का निर्णय लिया और प्रशासन ने आदेशों का पालन किया. इस कार्रवाई से लोगों को भय पैदा हुआ. लोगों ने घर से निकलना कम कर दिया. आने वाले कुछ दिनों में भी इस तरह की पाबंदी रही तो निश्चित ही संक्रमण रोकने में सफलता मिलेगी.