AIMIM MP Sayed Imtiaz Jaleel
इम्तियाज जलील

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नागपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने भारत की नाक में दम कर दिया। रोजाना लगभग सैकड़ों की संख्या में लोगों की मौतें और नए मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया हैं। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी दी हैं लेकिन कोरोना के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोरोना काल में सरकार के सामने कई चुनौतियां खड़ी हुई हैं और आने वाले समय में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं।

लॉकडाउन के दौरान नवभारत ने अपने पाठकों के लिए कोरोना से पैदा हुई हर चुनौतियों से अवगत कराने का प्रयास किया। इसके लिए राज्य के बड़े-बड़े राजनीतिज्ञों को नवभारत ई-चर्चा के माध्यम से रूबरू कराया। इस बार लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता सैयद इम्तियाज जलील, ‘कोविड के पश्चात्: प्रशासनिक चुनौतियां’ विषय पर 16 जून शाम 3.30 बजे, नवभारत ‘ई-चर्चा’ कार्यक्रम में, नवभारत के फेसबुक पेज पर लाइव होंगे।

भारत में गरीब लोगों की आवाज को उठाने वाले नेताओं में से एक हैं सैयद इम्तियाज जलील। वे गरीबों के लिए काम करनेवाले सक्रिय नेताओं में से एक हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 1968 को हुआ। उन्होंने अपनी हाईस्कूल की पढाई होली क्रोस इंग्लिश हाईस्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1996 में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और वर्ष 2000 में मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म में अपनी पढाई पूरी की। उन्हें पत्रकारिता में 23 साल का अनुभव है। जिसमें से 11 साल उन्होंने लोकमत और 12 साल एनडीटीवी के साथ काम किया हैं।

जलील एक भारतीय राजनीतिज्ञ और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सदस्य हैं। उन्हें 2014 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के औरंगाबाद केंद्रीय निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया था।

पत्रकार से नेता बने सैयद इम्तियाज जलील ने 2019 के आम चुनावों में औरंगाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से AIMIM की टिकट पर चुनाव लड़ा। जिसमें उन्होंने शिवसेना के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खैरे को मात दी थी। उन्होंने खैरे को 4,492 मतों के अंतर से हराया। इसके साथ ही AIMIM को महाराष्ट्र से अपना पहला सांसद मिल गया। इस चुनाव में प्रकाश आम्बेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी का AIMIM को समर्थन मिला हुआ था।