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  • 13 माह से विदर्भ में हलचल नहीं

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नागपुर. आयकर विभाग का अन्वेषण विभाग के काम काज का तरीका बदल गया है. सर्च और सर्वे नहीं होने से ऐसा लग रहा है कि विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों के अंदर धड़ाधड़ ऑनलाइन नोटिस आने शुरू हो गए हैं, जिससे करतादाओं में हड़कंप मच गया है. छोटे-छोटे कारणों को लेकर भी नोटिस जारी हो रहे हैं. करदाताओं को समय भी काफी कम दिया जा रहा है, जिससे उनकी भाग दौड़ काफी बढ़ गई है. फिजिकल कार्रवाई नहीं होने से कुछ लोग राहत भरी सांस ले रहे हैं.

कोरोना काम में विभाग के अंदर कई अधिकारी पॉजिटिव पाये गए. यही कारण है कि पिछले 13 माह से विभाग में शांति महसूस हो रही थी. भले ही इनकी शांति कुल लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है, लेकिन जानकारों का कहना है कि उनकी शांति का कुछ लोग गलत इस्तेमाल भी कर रहे हैं. वहीं, विभाग को जो आय होती है उसमें भी कमी देखने को मिल सकती है. एक-एक सर्च में करोड़ों की प्रापर्टी का पता चलता है. परंतु नागपुर या विदर्भ में एक भी कार्रवाई नहीं हुई है. अब वित्तीय क्षेत्र में इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है. 

वित्तीय क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि कोरोना काल में कार्रवाई नहीं होना समझ में आता है. कोरोना काल के बाद अधिकांश सेक्टर सक्रिय हो गए हैं. यहां तक की आयकर विभाग द्वारा भी इस काल में कुंडली तैयार की गई है. लेकिन इन कुंडलियों पर एक्शन ऑनलाइन तरीके से की जा रही है. फिजिकल दस्तक विदर्भ में देखने को नहीं मिल रहा है. हालांकि देश के कई भागों में आयकर विभाग, ईडी, डीआरआई, डीजीजीआई विभाग की ओर से कार्रवाई होने की खबर आने भी लगी है. यह खामोशी केवल और केवल विदर्भ में देखने को मिल रही है. नागपुर में प्रिंसिपल मुख्य आयकर (अन्वेषण) का पद है, जो काफी वरिष्ठ पद होता है. अन्वेषण के लिए अलग से पूरा महकमा है. कई आयुक्त इस विभाग में कार्यरत हैं. बावजूद इनकी खामोशी लोगों को हजम नहीं हो रही है. 

जनवरी में हुई थी कार्रवाई 

जानकारों ने बताया कि अंतिम कार्रवाई जनवरी 20 में की गई थी. इस कार्रवाई के बाद कोरोना का प्रभाव बढ़ गया और लॉकडाउन में कुछ भी हीं हुआ. लेकिन सितंबर के बाद से अधिकांश कार्यालय खुल गए. इसके बाद भी आयकर विभाग का सर्च और सर्वे शुरू नहीं हुआ.

पीक रहता है महीना

आमतौर पर सामान्य परिस्थिति में जनवरी से मार्च तक कई कार्रवाई होती थी, क्योंकि मार्च का टार्गेट पूरा करना रहता था. इस बार माहौल काफी बदला-बदला सा नजर आ रहा है. गलत कार्य करने वाले को भी काफी शांति महसूस होने लगी है. अगर पीक महीनों में कार्रवाई नहीं होती है, तो भविष्य में भी कार्रवाई कम होने की संभावना बनी रहेगी. 

निकाल रहे छोटे-छोटे फाइल

अन्वेषण विभाग की खामोशी के बीच अब आयकर अधिकारी 50 लाख रुपये से कम के फाइलों को ऑनलाइन खंगालना शुरू कर दिए हैं. बताया जाता है कि अलग-अलग रेंज के अधिकारी अब तबीयत से फाइल खंगाल रहे हैं. जैसे-जैसे फाइलें बाहर आ रही है. वैसे-वैसे सी.ए की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. आयकर विभाग में हलचल बढ़ने से वित्तीय सलाहकारों की पूछपरख बढ़ जाती है. वहीं, विभाग के शांत होने से इनके ऊपर भी आय का दबाव बन जाता है. छोटे मामलों के सामने आने से विभाग में पुन: हलचल देखी जा रही है. ऑनलाइन नोटिस में तुरंत-तुरंत जानकारी मांगी जा रही है, जिससे जुटाना लोगों को भारी पड़ रहा है.