Well Treat Hospital Fire

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    नागपुर. अमरावती रोड के वाडी परिसर में स्थित वेल ट्रीट अस्पताल में 9 अप्रैल को हुए अग्निकांड में 4 मरीजों की मौत हो गई. प्रशासन, बिल्डिंग मालिक और डॉक्टर की घोर लापरवाही उजागर हुई. बताया जाता है कि वेल ट्रीट अस्पताल की इमारत का पूरा निर्माण कार्य ही अनधिकृत था. जब बिल्डिंग ही सैंक्शन नहीं थी तो अस्पताल की मंजूरी का तो सवाल ही नहीं उठता. बावजूद इसके लंबे समय से यहां अस्पताल चल रहा था. व्यवस्था के अभाव में यहां मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हुआ. पहले पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया था लेकिन अब अस्पताल के संचालक डॉक्टर राहुल ठवरे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

    इस हादसे में नटराज सोसाइटी, गोरेवाड़ा निवासी तुलसीराम पारधी (47), गोरेगांव, पारसिवनी निवासी शिवशक्ति सोनबरसे (35), काचोरे लेआउट, मनीषनगर निवासी प्रकाश बोले (69) और धापेवाड़ा, कलमेश्वर निवासी रंजना मधुकर कड़ू (44) की मौत हो गई थी. पुलिस की जांच में पता चला कि डॉ. ठवरे ने अस्पताल में योग्य क्षमता वाले बिजली उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया. इसकी वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ. आग बुझाने के इंतजाम भी अस्पताल में नहीं थे. इसकी जानकारी होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने अपने आर्थिक फायदे के लिए मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया. चारों की मौत के लिए जिम्मेदार डॉ. राहुल ठवरे के खिलाफ पुलिस ने सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया है.

    नहीं हुआ फायर ऑडिट 

    भंडारा के जिला अस्पताल में हुए अग्निकांड में 10 बच्चों की झुलसने से मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य प्रशासन को पूरे महाराष्ट्र के अस्पतालों का फायर ऑडिट करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी अस्पताल का फायर ऑडिट नहीं हुआ. इसके हादसे के लिए अस्पताल प्रशासन जितना जिम्मेदार है उतना ही जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है. यदि अस्पताल का फायर ऑडिट कर सख्त एक्शन लिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता. आग बुझाने के उपयुक्त इंतजाम होते तो शायद जनहानि टाली जा सकती थी. लेकिन सरकार के आदेश केवल कागजों तक ही सीमित रह गए. अब भी जिले के अस्पतालों में फायर ऑडिट नहीं हुआ है. अवैध तरीके से इमारतों में अस्पताल चल रहे हैं. 

    19 जून 2020 को दिया था नोटिस

    इस संबंध में वाड़ी नगर परिषद के सीओ जुम्मा प्यारेवाले से बात करने पर उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अस्पताल की जांच पिछले वर्ष की गई थी. अस्पताल की इमारत ही अनधिकृत है. इसके लिए विभाग से कोई मंजूरी नहीं ली गई. बिना अनुमति के बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी गई. इसके लिए 19 जून 2020 को ही इमारत और जमीन के मालिक विशाल ज्ञानचंदानी को नोटिस जारी किया गया था. तत्काल प्रभाव से इमारत का उपयोग बंद करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद यहां वेल ट्रीट अस्पताल चल रहा था. प्रकरण की जांच के लिए जिला प्रशासन ने एक समिति गठित की है. समिति की जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा.