The central government is only playing the figures, only when the central government plays the role of a father can the state government come out of the crisis: Satej Patil

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नागपुर: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लगाए लॉकडाउन के दौरान ‘सरकार के सामने आई चुनौतियों से किस तरह निपटा जा सकता हैं’ इस विषय पर नवभारत द्वारा आयोजित ‘e-चर्चा’ में बोलते हुए महाराष्ट्र राज्य के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि, “अगर केंद्र सरकार श्रमिक ट्रेनों को एक महीने पहले शुरू कर देती तो, मौजूदा समय में जो स्थिति हैं वह नहीं होती। केंद्र सरकार सिर्फ आकड़ों का खेल कर रही हैं।”

गृहमंत्री सतेज पाटिल ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा दिए दिशा निर्देशों के अनुसार हम काम कर रहे हैं। कल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के लिए जो निर्देश दिया हैं उसी के अनुरूप हम काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने कुछ बदलाव के साथ लॉकडाउन के लिए निर्देश जारी किए हैं, राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए हमने धार्मिक स्थल, अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्विमिंग पूल, सामाजिक, सांस्कृतिक जैसे कार्यो पर प्रतिबंध जारी रखा हैं। इसी के साथ सलून, होटल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। वहीं एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए के लिए राज्य सरकार जल्द नए दिशा निर्देश जारी करेगी।

मुंबई सहित अन्य जगहों पर लॉकडाउन को सही तरह से लागू नहीं कर ने के सवाल पर राज्य मंत्री ने कहा, “मुंबई सहित पूरे राज्य में लॉकडाउन अच्छी तरह से लागू किया गया हैं, जिसके कारण हम सामाजिक फैलाव को रोकने में कामयाब रहे हैं। जहां तक मुंबई शहर का सवाल हैं, दो करोड़ से ज्यादा जनसंख्या शहर मे हैं। दुनिया के अन्य शहरों के मुकाबले हमने मुंबई को कोरोना से बचाया हुआ हैं।” उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस दौरान एक गलती हुई हैं, जो श्रमिक ट्रेन अभी शुरू हुई हैं वह आगे एक महीने पहले शुरू की गई होती तो, अभी जो समस्या आ रही है वो नहीं होती। लेकिन अभी आरोप प्रत्यारोप का समय नहीं हैं। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने मुंबई की जनसंख्या को देखते हुए बहुत हद तक इसपर काबू पाया हैं।’

लॉकडाउन के वजह से राज्य में स्कूल और कॉलेज पर पड़ने वाले असर और पुनः खोलने की तैयारियों पर सतेज ने कहा, “राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत और स्कूल शिक्षा मंत्री ने वर्षा गायकवाड़ ने इसपर अपना ध्यान लगाया हुआ हैं। किस तरह आगे जाना है और सत्र शुरू करना है इसपर यूजीसी के दिशा निर्देशों पर काम शुरू किया हुआ हैं। इसी के साथ हमारे शिक्षा विभाग ने स्कूल और विश्वविद्यालय के कुलगुरु को लेकर एक समिति स्थापित की हैं।  इसी के साथ हमने एक मास्टर प्लान तैयार किया हुआ हैं, जिससे बच्चों का नुकसान न हो।” उन्होंने कहा, ” पुरे देश में ऑनलाइन एजुकेशन की चर्चा हो रही हैं, लेकिन वह सिर्फ शहरों तक सीमित हैं, ग्रामीण भागों में नेटवर्क की समस्या अभी बनी हुई है। इस समस्या को हल करने के लिए भारत नेट के जरिए हम उसे हल करने का काम कर रहे हैं।” 

राज्य मंत्री ने अर्थव्यवस्था पर आए संकट और पुनः इसे मजबूत करने के सवाल पर उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट बना हुआ हैं, जो सिर्फ महाराष्ट्र पर नहीं पुरे देश पर हैं। जिसके लिए केंद्र सरकार को बड़े कदम उठाना पड़ेगा। अगर वह नहीं उठाएगी तो राज्य सरकार आगे नहीं बढ़ सकती हैं।’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज घोषित किया हुआ हैं, लेकिन इसका फायदा किसको मिलेगा, नहीं मिलेगा इसकी चर्चा शुरू हैं। पैकेज में कर्ज देने के अलावा कुछ नहीं हैं, कर्ज लेकर भी क्या करेंगे इसकी कोई स्पष्टता नहीं हैं। जब केंद्र 10 कदम चलेगा तभी राज्य पांच कदम आगे आएंगे।” 

पाटिल ने कहा, “केंद्र सरकार को बाजार के अंदर पैसा डालना चाहिए, इसी के साथ लाखों करोड़ो के प्रोजेक्ट लाने चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता हैं। इसी के साथ छह महीने तक देश के गरीबों को साडे सात हज़ार रुपए देना चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था में पुनः जान फूंकी जा सके।  लोगो को दिया गया पैसा बाजार में वापस आएगा जिससे देश में खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को पुनः खड़ा और मजबूत किया जा सकता हैं।’ उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार अभी तक सिर्फ आकड़ों का खेल कर रही हैं। जब तक वह इसको बंद नहीं करेगी देश आगे नहीं बढ़ सकता हैं।”

प्रवासी मजदूरों की वापसी और स्थानीय युवाओं को रोज़गार देने के सवाल पर जवाब देते हुए सतेज पाटिल ने कहा, “महाराष्ट्र एक प्रगतिशील राज्य हैं, जिसके कारण पुरे देश से लोग मुंबई सहित पुरे राज्य में आकर काम करते हैं। लेकिन लॉकडाउन के वजह से राज्यभर के प्रवासी मज़दूर अपने गृह राज्य की ओर चल पड़े, जिसके कारण कारख़ानों में लोगों की कमी हो गई हैं, जिसको देखते हुए हमने राज्य और मेरे गृह जिला कोल्हापुर में स्थानीय युवाओं को काम देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया हैं, जिसके माध्यम से हम उन्हें उनके जिले में ही रोज़गार उपलब्ध कराने का काम करेंगे।’