... then there will be 'corona blast' in city, warns by Manpah commissioner Mundhe

  • मनपा नहीं केंद्र ने बनाए प्रतिबंधित क्षेत्र के नियम

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नागपुर. कोरोना के पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद मनपा की ओर से शहर में कई हिस्सों को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया, किंतु लंबे समय तक इन क्षेत्रों को प्रतिबंधित रखे जाने के कारण कई तरह की हो रही परेशानियों के चलते पहले पांढराबोडी और बाद में पार्वतीनगर की जनता के साथ ही जनप्रतिनिधियों की ओर से भले ही जमकर विरोध किया गया हो, लेकिन अब मनपा आयुक्त मुंढे की ओर से प्रतिबंधित क्षेत्र के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार कार्यप्रणाली अपनाए जाने का दो टूक जवाब जनप्रतिनिधियों को दिया गया. लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में मनपा आयुक्त ने नियम तय नहीं किए हैं. लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से केंद्र सरकार की मार्गदर्शक सूचनाओं के आधार पर फैसले लिए जा रहे हैं, जिससे किसी भी तरह की गलत जानकारी से भ्रमित न होकर प्रशासन को सहयोग करने की अपील भी उन्होंने की.

पॉजिटिव मिलने के बाद 28 दिनों तक सील
आयुक्त ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार पहले मरीज निगेटिव होने के बाद से अगले 28 दिनों तक संबंधित क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में रखा जाता था. किंतु अब 17 मई को जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार पॉजिटिव मरीज मिलने के दिन से 28 दिन तक क्षेत्र को प्रतिबंधित रखा जा रहा है. इन्हीं दिशानिर्देशों के अनुसार शहर में अमल किया जा रहा है. सरकार की ओर से नियम निर्धारित किए गए हैं, जिसके पीछे वैज्ञानिक और वैद्यकीय कारण है. 28 दिनों को 14-14 दिनों में वर्गीकृत किया गया है. पहले 14 दिन एक्टिव और बाद के 14 दिन पैसिव के रूप में निर्धारित कर प्रतिबंधित क्षेत्र में अमल किया जाता है.

28वें दिन तक बाधित होने की संभावना
उन्होंने कहा कि कोरोना से पॉजिटिव पाए जानेवाले मरीज के परिसर से 95 प्रतिशत लोगों को 2 से 14 दिनों तक बाधा होने की संभावना रहती है, जबकि बचे 5 प्रतिशत लोगों में से 2.5 प्रतिशत लोगों को 0 से 2 दिनों तक तथा अन्य 2.5 प्रतिशत लोगों को 14वें दिन के बाद 28वें दिन तक कोरोना की बाधा होने की संभावना रहती है. इस 2.5 प्रतिशत की संभावना के कारण ही 28 दिनों तक संबंधित क्षेत्र को प्रतिबंधित रखना जरूरी होता है. वैद्यकीय और वैज्ञानिक कारणों के चलते ही केंद्र सरकार की ओर से दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं, जिसका विपरीत अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. शहर को शीघ्र ही कोरोना-मुक्त कर स्थायी तौर पर ग्रीन जोन में लाने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किए जाने की जानकारी भी उन्होंने दी.