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  • 12 घंटे के भीतर पुलिस ने 5 को दबोचा

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नागपुर. जादू टोने से पैसों की बरसात करवाने वाले ढोंगी बाबा और उसके 4 साथियों को क्राइम ब्रांच के सामाजिक सुरक्षा विभाग ने गिरफ्तार किया. लगातार 12 घंटे चले ऑपरेशन में पुलिस एक के बाद एक कड़ी जोड़ती गई और आखिर मुख्य आरोपी पुलिस के हाथ लगा. पकड़े गए आरोपियों में वृंदावननगर निवासी विक्की गणेश खापरे(20), कोरागांव, समुद्रपुर, वर्धा निवासी दिनेश महादेव निखारे (25), दसोड़ा, समुद्रपुर निवासी रामकृष्ण दादा म्हैसकर (41), जांभुलघाट, चिमूर निवासी विनोद जयराव मसराम (42) और खापरी, चिमूर निवासी डीआर उर्फ सोपान हरिभाउ कुमरे (35) का समावेश है.

26 फरवरी को एक किशोरी डीसीपी क्राइम गजानन राजमने से मिलने उनके कार्यालय पहुंची. उसने बताया कि सहेली के घर के पास रहने वाला विक्की उससे लगातार संपर्क कर रहा है. वह उसे किसी डीआर नामक व्यक्ति के पास ले जाएगा. वहां डीआर जादू-टोने और पूजापाठ के जरिए रुपयों की बारिश करवाएगा. इससे युवती को भी मोटी रकम मिलेगी.

3 स्टेज में होगी जांच 

विक्की ने उसे बताया था कि इस काम के लिए उसे पहले 3 स्टेप पार करनी होगी. यदि वह डीआर के टेस्ट में पास हो गई तो ही काम आगे बढ़ेगा. पहली स्टेप में उसे नग्न अवस्था में एक रूम में भेजा जाएगा. वहां डीआर जांच करेगा कि उसके शरीर पर कोई चोट या टैटू आदि के निशान तो नहीं है. दूसरी स्टेप में उसे कुछ रंग दिखाए जाएंगे. उन रंगों की पहचान करने और कुछ प्रश्नों के जवाब देने होंगे. तीसरी स्टेप में डीआर उसके शरीर पर हाथ लगाकर जांच करेगा, लेकिन उसे घबराना नहीं है. वहां विक्की, दिनेश, विनोद और रामकृष्ण भी मौजूद रहेंगे. किशोरी को समझाया गया कि पहले डीआर से अपना काम करवाना है और बाद में वो जैसे बोले करते जाना है. किशोरी को उसपर संदेह था. इसीलिए उसने पुलिस से शिकायत की. राजमाने ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सामाजिक सुरक्षा विभाग के इंस्पेक्टर सार्थक नेहेते को जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी. 

घर में बनाया था जादूटोने का अड्डा 

पुलिस किशोरी के जरिए विक्की तक पहुंची. विक्की ने बताया कि दिनेश उसे डीआर से मिलाने वाला था. पुलिस ने जांभ बस स्टैंड पर जाल बिछाकर दिनेश को हिरासत में लिया. उसने बताया कि गांव में रहने वाला रामकृष्ण उसे डीआर से मिलवाने वाला था. पुलिस तुरंत रामकृष्ण के गांव पहुंची और उसे हिरासत में लिया. वह भी डीआर को नहीं जानता था. उसने बताया कि चिमूर के जांभुलघाट परिसर में रहने वाला विनोद मसराम डीआर को जानता है. पुलिस ने चिमूर जाकर पहले विनोद को हिरासत में लिया और उसकी निशानदेही पर डीआर के घर पर छारा मारा. वहां डीआर ने अपना जादूटोने का अड्डा बना रखा था. फिल्मी दृश्य की तरह ही उसने पूरा सामान कमरे में सजा रखा था. पांचों को गिरफ्तार कर नागपुर लाया गया. 

गुरु मां आई थी सपने में 

डीआर से पूछताछ करने पर पता चला कि उसकी गुरु मां की एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है. कुछ समय पहले गुरु मां सपने में आई थी. उसने किशोरी के जरिए महाकाली की पूजा करके नोटों की बारिश करवाने को कहा था. तब से वह इस काम में जुटा था. डीआर ने पकड़े गए 4 आरोपियों के अलावा भी दर्जनों लोगों को नाबालिग लड़की को तैयार करने के काम में लगा रखा था. उसके मोबाइल के वाट्सएप पर कई लड़कियों की फोटो मिली है. उसकी शर्त थी कि लड़की नाबालिग होनी चाहिए. उसका कद 5 फुट से ज्यादा और वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए. विक्की ने अपने परिसर में रहने वाली युवती के जरिए उसकी सहेली (शिकायत करने वाली किशोरी) को झांसे में लेने का प्रयास किया. उसका वजन 46 किलो था. इसीलिए आरोपी उसे 4 किलो वजन बढ़ाने के लिए तैयार कर रहे थे. 

न्यायालय ने पुलिस हिरासत में भेजा

अब कोई पूजापाठ से नोटों की बरसात तो नहीं करवा सकता. ऐसे में पुलिस को संदेह है कि डीआर का टार्गेट किशोरियों का शारीरिक शोषण करना था. हांलाकि, वह दावा कर रहा है कि पहले वह 27 लाख रुपये के नोटों की बारिश करवा चुका है. इससे उसके  मानसिक विक्रूत होने का पता चलता है. आरोपियों के खिलाफ जादूटोना कानून सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर प्रकरण की जांच लकड़गंज पुलिस को सौंपी गई है. न्यायालय ने पांचों आरोपियों को पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए है. डीआईजी सुनील फुलारी, डीसीपी गजानन राजमाने और एसीपी सुधीर नंदनवार के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर सार्थक नेहेते, एपीआई सूरज सुरोशे, पीएसआई स्मिता सोनवने, हेड कांस्टेबल अनिल अंबादे, कांस्टेबल राशिद, मनीष, अजय, भूषण, रीना जाउरकर और सुजाता पाटिल ने कार्रवाई को अंजाम दिया.