Bad Road, Potholes
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काटोल. समय पर दुरुस्ती नहीं होने का ही नतीजा है कि इन दिनों न केवल भीतरी बल्कि मुख्य मार्गों की भी हालत खराब हो गई है. नागपुर से काटोल तक 63 किलो मीटर की दूरी पहले सवा घंटे पार होती थी. वहीं अब इस दूरी को तय करने के लिए दो से तीन घंटे का समय लग रहा है. गड्ढों की वजह से वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. काटोल से आगे मोर्शी तक मार्ग का सीमेंटिकरण किया गया है, लेकिन काटोलवासियों के साथ ही सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

काटोल-नागपुर मार्ग का स्टेट हाईवे में समावेश है. नागपुर के काटोल नाके से लेकर ही तो काटोल शहर तक सड़क की हालत खराब हो गई है. कई जगह गड्डे हो गये हैं. इस मार्ग पर चौबिस घंटों ट्राफिक रहता है. लेकिन गड्डों की वजह से वाहनों की गति धीमी हो जाती है. विगत एक- डेढ वर्षों से मार्ग दुर्लक्षित होने से इस मार्ग से आवागमन में दिक्कतें आ रही है.  

बताया जाता है कि इस मार्ग का अपग्रेडेशन  कर दो लेन की बजाय इसे फोर लेन बनाने के लिये राज्य सरकार के  निर्माण कार्य विभाग से इस मार्ग को नेशनल हायवे अथारिटी को को हस्तांतरित किया गया है. इस वजह से निर्माण कार्य विभाग द्वारा दुरुस्ती नहीं की जा रही है. जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है. नेशनल हाईवे द्वारा अब तक फोर लेन के लिए टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई है. इस संबंध में विभाग के कार्यकारी अभियंता ने बताया कि काटोल-नागपुर मार्ग नेशनल हायवे को सौंपा गया है. इस मार्ग की दुरूस्ती का जिम्मा नेशनल हाईवे अथारिटी को दिया है. इस मार्ग पर दिवाली से कुछ जगहों पर दुरूस्ती की गई थी. वहीं अथारिटी के प्रकल्प संचालक अभिजीत जिचकार ने बताया कि फोर लेन टेंडरिंग का कार्य प्रगति पथ पर है. 

जल्द करे सुधार 

काटोल, कलमेश्वर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के लिए नागपुर आने के लिए यह उपयुक्त मार्ग है. लेकिन दुरुस्ती नहीं होने के कारण दिक्कतें बढ़ गई है. अधिकांश जगह पर डामर उखड़ गया है. कार और दोपहिया वाहन चालकों को बेहद सावधानी के साथ गुजरना पड़ता है. रात्रि के वक्त दिक्कतें अधिक हो जाती है. गड्डे नजर नहीं आने पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. यही वजह है कि मार्ग का जल्द से जल्द दुरुस्तीकरण किया जाना आवश्यक है.