Protest
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  • सम्पत्ति कर, पानी बिल दर वृद्धि का किया विरोध

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नागपुर. सम्पत्ति कर और पानी बिल दर वृद्धि को लेकर आयुक्त और सत्तापक्ष के बीच चल रही अनबन के बीच एक दिन पहले भले ही इसका प्रस्ताव सदन के विचारार्थ भेजने के निर्देश महापौर संदीप जोशी की ओर से बैठक में दिए हो, इसके बावजूद गुरूवार को सत्तापक्ष की ओर से आयुक्त कक्ष के सामने मूक प्रदर्शन किया गया. मूक प्रदर्शन के बावजूद विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ पार्षदों की ओर से घोषणाएं देने का प्रयास भी किया गया. किंतु वरिष्ठों की सूचनाएं मिलते ही बाद में मामला ठंडा हो गया. किंतु देर शाम तक प्रशासकीय इमारत में प्रदर्शन चलता रहा.

मनपा की सभा के लिए प्रस्ताव ही नहीं
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले मनपा मुख्यालय में हुई बैठक में महापौर जोशी की ओर से सम्पत्ति कर और पानी बिल दर वृद्धि को 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव सदन के विचारार्थ भेजने के निर्देश प्रशासन को दिए. आलम यह है कि मनपा प्रशासन की ओर से 20 अगस्त को आम सभा लेने का एजेन्डा तो जारी किया गया, लेकिन इसमें इस तरह के प्रस्ताव का कोई विषय ही शामिल नहीं है. सूत्रों के अनुसार भले ही प्रस्ताव ना हो, लेकिन नोटिस के माध्यम से इसे सदन के विचारार्थ रखा जाएगा. विशेषत: सभा के लिए जारी किए गए एजेन्डे में आयुक्त के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले जुर्माना माफी के विषय को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद प्रफुल्ल गुड्धे की ओर से तो प्रस्ताव दिया गया, लेकिन आयुक्त के साथ जिस विषय पर अनबन चल रही है, उसे विषय पत्रिका में नहीं लाया गया है. जिसे लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है. 

पहले ही लिया गया था फैसला : जोशी
कर माफी और दर वृद्धि पर रोक के संदर्भ में सदन में अब प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए जाने के बावजूद सत्तापक्ष की ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन पर महापौर ने कहा कि चूंकि बैठक के पहले ही 13 को प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया था. अत: सत्तापक्ष नेता के नेतृत्व में इसे अंजाम दिया गया. इसमें किसी तरह की राजनीति नहीं होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मनपा आयुक्त के राज्य सरकार के साथ अच्छे संबंध है. मनपा की सभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा. जिसके बाद आयुक्त ने राज्य सरकार से प्रस्ताव मंजूर कराके लाना चाहिए.