जस की तस हालत, फुटपाथ पर दूकानों का सामान

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  • वाहनों की पार्किंग ने आधी की सड़क

नागपुर. एक ओर पूरा शहर कोरोना को हाट स्पाट बना चुका है. दूसरी तरफ, शहर के कई हिस्सों में आज भी सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई स्थिति नजर आ रही है. पुराना भंडारा रोड को देखकर लगता है कि यहां के दूकानदारों ने सोच रखा है कि कोरोना जैसी महामारी है ही नहीं. दूकानों के बाहर तक सामान रखा जा रहा है. इससे पैदल चलने वालों के लिए जगह नहीं बची. वहीं, दूकानों के सामने ही सड़क पर कतार में वाहन खड़े किये जा रहे हैं. इससे सड़क की चौड़ाई घटकर आधी भी नहीं रह जाती और कुछ लोगों के आने पर ही यहां भीड़ सरीखा माहौल बना जाता है. 

हर दम जाम सड़क
दूकानदारों की मनमर्जी के कहे या मजबूरी जो वाहनों को सड़क पर खडे करना पड़ रहा है. ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहनों की कतार लग जाती है और हर दम ही ट्राफिक जाम रहता है. दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक इस रोड की यही स्थिति रहती है. कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है. लेकिन यहां आकर लगता है कि फुटपाथ पर सामान और सड़क पर वाहनों की पार्किंग सोशल डिस्टेंसिंग से भी जरूरी समझी जा रही है.

नहीं हो रही कोई कार्रवाई
ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार स्वयं सड़कों पर उतरे और पैदल ही विभिन्न बाजारों का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ सभी वरिष्ठ अधिकारी और पुलिसकर्मियों का पूरा ताफा था. आनन-फानन में इतवारी की संकीर्ण सड़कें भी खाली नजर आई क्योंकि उन्होंने दुकानदारों का सख्त ताकिद दी कि सामान फुटपाथ या सड़क पर नहीं रखा जायेगा.

इससे यहां से गुजरने वालों के लिए जगह नहीं बचती. लेकिन कुछ दिन बाद ही सीपी अमितेश कुमार की सारी समझाईश किनारे हो गई. वहीं, कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बाजार की सड़कों और गलियों में ट्राफिक व्यवस्था की देखना बंद कर दिया. इसी की नतीजा है कि पुराना भंडारा रोड जैसी व्यस्त सड़कों और बाजारों पर पर एक बार फिर अव्यवस्था का माहौल दिखने लगा है.

पराना भंडारा रोड पर  2:40 P.M. को रोड पर  दोनों तरफ यातायात जाम है ।यहाँ  सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर भीड़ जमा है ।कोई कायॅवाई नही होती है, ऐसे मे यहाँ कोरोना सक्रमण फैलने की संभावनाएं दिख पडती है जहाँ भीड़ तंत्र हो वहाँ प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिये ।