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  • पद्धति क्या होगी अब तक स्पष्ट नहीं

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  • 5,000 प्राइमरी स्कूल विभाग में
  • 3,000 माध्यमिक स्कूल
  • 1,400 जूनियर कॉलेज
  • 28 जून से शुरू होगा सत्र

नागपुर. फरवरी में जारी किये गये परिपत्रक के अनुसार विदर्भ के स्कूलों में नये शैक्षणिक सत्र 28 जून से आरंभ हो जाएगा. जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में 15 जून से शुरुआत होगी. लेकिन सत्र ऑनलाइन होगा या ऑफ लाइन इस बारे में अब तक सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है. एक ओर जहां अनलॉक की प्रक्रिया जारी है. वहीं शिक्षा विभाग नये शैक्षणिक सत्र के नियोजन में देरी कर रहा है. यही वजह है कि छात्र-पालकों में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है. पिछला शैक्षणिक सत्र कोरोना की भेंट चढ़ गया. छात्र वर्षभर स्कूल नहीं जा सके. ऑनलाइन पद्धति के तहत जैसे-तैसे वर्ष गुजरा. उम्मीद थी कि इस बार स्कूल शुरू हो सकेंगे, लेकिन अब तक सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है. वैसे कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर फिजिकली स्कूल शुरू होने की उम्मीद कम है. इस हालत में सरकार को फिर से ऑनलाइन पद्धति से ही क्लासेस शुरू करना होगा. इस संबंध में परिपत्रक जारी करना होगा. साथ ही स्कूलों को निर्देश भी जारी करना होगा, ताकि सभी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट जाये. लेकिन सरकार की लेटलतीफी की वजह से पालक अब भी भ्रमित है.

शिक्षा सत्र को लेकर गंभीर नहीं 

पालकों का कहना है कि सरकार को शिक्षा सत्र को लेकर गंभीरता दिखाना होगा. पिछला सत्र कोरोना की वजह से बेकार हो गया. छात्रों की पढ़ाई भी पूरी नहीं हो सकी. अब मजबूत वैकल्पिक व्यवस्था के बार में विचार किया जाना आवश्यक हो गया है. कोरोना की वजह से इस सत्र को भी इसी तरह बेकार नहीं जाने दिया जा सकता. बच्चों की भविष्य को लेकर पालकों की चिंता बढ़ती जा रही है. यदि ऑनलाइन सत्र शुरू होता है कि सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो सके, इस बारे में सरकार को सोचना होगा. कोरोना की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. साधन-सुविधाओं की कमी की वजह से कई छात्र पिछले वर्ष शिक्षा से दूर हो गये थे. 

ट्यूशन-कोचिंग में क्लासेस शुरू 

भले ही स्कूल बंद है, लेकिन ट्यूशन-कोचिंग शुरू हो गई है. ऑनलाइन पद्धति से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है. इतना ही नहीं 10वीं और 12वीं के भी ट्यूशन शुरू हो गये है. पिछले महीने से कोचिंग-ट्यूशन वालों द्वारा पालकों से संपर्क का सिलसिला शुरू हो गया था. बार-बार पालकों की हैमरिंग की गई. बच्चे भी कब तक खाली रहेंगे, यही सोच कर पालकों ने भी उन्हें ट्यूशन लगा दी है.

रिजल्ट तैयार करने में पूरा ध्यान 

इनदिनों शिक्षा विभाग का पूरा ध्यान 10वीं व 12वीं का परिणाम तैयार करने में लगा है. 10वीं के परिणाम के बारे में दिशा-निर्देश जारी होने के बाद रिजल्ट बनाया जा रहा है. वहीं कुछ ही दिनों में 12वीं का काम भी शुरू हो जाएगा. यही वजह है कि अधिकारियों द्वारा फिलहाल नये सत्र की तैयारी के बारे में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. जबकि नये सत्र के आरंभ को लेकर अब तक दिशा-निर्देश जारी कर दिये जाने चाहिए. साथ ही अध्यापन पद्धति और छात्रों के पास उपलब्ध साधन-सुविधाओं की भी समीक्षा कर ली जानी चाहिए थी.