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बर्डी मार्किट (फाइल फोटो)

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    •  8,000 से अधिक हो रहे टेस्ट
    • 45 के पार पहुंचा था पॉजिटिविटी रेट

    नागपुर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बाधितों के आंकड़े ने रिकॉर्ड बना दिया. मार्च और अप्रैल में कोरोना की दृष्टि से शहरवासियों के लिए बेहद निराशाजनक रहा. आलम यह था कि 29 मार्च को सिटी का पॉजिटिविटी रेट 45.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था. प्रशासन के तमाम स्तर पर प्रयासों के बाद केवल 2 माह के भीतर ही पॉजिटिविटी रेट अब 5 प्रतिशत से नीचे पहुंच गया है.

    राज्य सरकार ने पॉजिटिविटी रेट के आधार पर अनलॉक की घोषणा की है. मनपा के साथ ही जिला प्रशासन ने भी कोरोना पर नियंत्रण पाया है. वर्तमान में दोनों मिलकर 8,000 से अधिक टेस्ट करा रहे हैं. यदि जनता अधिक से अधिक मात्रा में कोरोना जांच कराए, तो पॉजिटिविटी रेट कम रखने में मदद हो सकेगी. अन्यथा यदि दर बढ़ा तो पुन: तालाबंदी होने के संकेत मनपा ने दिए. 

    20 लाख लोगों की हो चुकी टेस्ट

    मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी ने कहा कि पॉजिटिविटी रेट कम करने के लिए मनपा की ओर से तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं. अब तक शहर की कुल जनसंख्या में से 20 लाख लोगों ने कोरोना की टेस्ट करा ली है. कोरोना टेस्ट सेंटर के अलावा मनपा की ओर से मोबाइल वैन लगातार बाजारों में सुपर स्प्रेडर की जांच गत समय कराई गई. पुलिस की मदद से कई सड़कों और चौराहों पर बैरिकेडिंग कर बेवजह घूमनेवालों को पकड़कर जांच की गई.

    भीड़ के स्थान, कलमना मार्केट में भी लोगों की टेस्ट का शिविर लिया गया. जिन्होंने वैक्सीन लगाई है और जो कोरोना से बाधित हो चुके हैं उन्हें छोड़कर अन्य लोगों को कोविड टेस्ट कराना जरूरी है. व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करनेवाले कर्मचारियों की भी टेस्ट कराना जरूरी है. इसी तरह से कोरोना पर नियंत्रण रखा जा सकता है. पुन: शहर को तालाबंदी में न धकेलने की अपील भी जोशी ने की.  

    इस तरह से रहा उतार-चढ़ाव

    तारीख पॉजिटिविटी रेट

    4 अप्रैल 42.5 प्रतिशत

    6 अप्रैल 41.17 प्रतिशत

    11 अप्रैल 42.44 प्रतिशत

    1 जून 2.7 प्रतिशत

    2 जून 2.26 प्रतिशत

    3 जून2.28 प्रतिशत

    संसाधनों के लिए सभी के प्रयास

    • मनपा की ओर से बताया गया कि कोरोना बाधितों की वृद्धि के साथ ही मनपा आयुक्त राधाकृष्णन.बी और जिलाधिकारी रवीन्द्र ठाकरे के नेतृत्व में वैद्यकीय स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टेस्ट भी बढ़ाई.
    • सरकारी, मनपा और निजी अस्पतालों में पीड़ितों को भर्ती कराने बेड की संख्या भी बढ़ाई गई. नागपुर और जिले में जनसंख्या की तुलना में सर्वाधिक ऑक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर बेड उपलब्ध कराएं गए. 
    • स्थिति से निकलने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पालक मंत्री नितिन राऊत, महापौर दयाशंकर तिवारी की ओर से लगातार मार्गदर्शन किया गया. इनके द्वारा बेड, ऑक्सीजन और दवा की सुविधाएं उपलब्ध कराने में योगदान दिया गया.