Rail freight dispute: Karnataka, Maharashtra, Kerala are not paying for travel of migrants

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    नागपुर. सिटी में कोरोना का संक्रमण बेकाबू हो चुका है. मंगलवार को भी जिले में कोरोना के 6,826 नये मरीज सामने आए. वहीं कोरोना से दम तोड़ने वाले की संख्या 65 रही. इसके बाद भी सावधानी के तौर पर एहतियात नहीं बरती जा रही है. दूसरे राज्य में काम करने गए हजारों कर्मचारी और मजदूर नागपुर वापस आ रहे हैं. लेकिन यहां वापस आने वालों का रिकॉर्ड भी प्रशासन के पास नहीं है. रेलवे स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों की केवल गिनती की जा रही है लेकिन यात्री कहां से आया है और कहां जा रहा है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है. ऐसे में अगर बाहर से संक्रमित व्यक्ति सिटी में प्रवेश करता है तो वह यहां के लोगों को भी संक्रमित करेगा. इससे कोरोना की चेन टूटने की बजाय और बढ़ जाएगी.

    रेलवे स्टेशन पर बनाई जाए सूची

    दूसरे राज्यों या दूसरे जिलों से नागपुर आने वाले यात्रियों की संख्या इन दिनों रेलवे स्टेशन पर ही सबसे ज्यादा है. ज्यादातर रूटों पर बस सेवा बंद है. ऐसे में यात्री ज्यादातर ट्रेन के माध्यम से ही जिले में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ उनका रिकॉर्ड रखना चाहिए. ताकि अगर वो संक्रमित हो तो उसकी ट्रेसिंग कर उसे क्वारंटाइन किया जा सके और दूसरों को कोई खतरा न हो.   

    बस स्टैंड पर व्यवस्था ही नहीं

    दूसरे राज्यों और जिलों से सड़क मार्ग से आने वाले यात्री एसटी बस स्टैंड ही आते हैं लेकिन यहां पर तो यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग तक की व्यवस्था नहीं है. यात्रियों की स्क्रीनिंग करने से भी ट्रेम्प्रेचर जांच कर उसे चिन्हांकित किया जा सकता है. लेकिन एसटी बस स्टैंड पर न तो स्क्रीनिंग की व्यवस्था है और न ही किसी भी यात्री का रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है.

    भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

    रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले यात्रियों की ट्रेसिंग अभी तक नहीं की जा रही, जबकि अन्य जगहों में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर दोनों जगह मेडिकल टीमें जांच कर रही हैं. लेकिन यहां पर रेलवे स्टेशन में जांच की किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है. सिटी में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन को संक्रमण बढ़ने के कारणों को तलाश करने की जरूरत है.  

    बगैर मास्क घूमने वालों पर की जा रही सख्ती

    वहीं कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही प्रशासन ने भी बगैर मास्क घूमने वालों के चालान काटने का अभियान फिर से तेज कर दिया है. मंगलवार को भी टीमें फील्ड में उतरीं और धड़ाधड़ बगैर मास्क लगाए घूम रहे लोगों के चालान काटे. गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. इसके अलावा मोबाइल टीम भी फील्ड में कोरोना सैंपलिंग कर रही है. संक्रमण को रोकने के लिए पुलिस टीमें सड़कों पर बगैर मास्क घूमने वालों के चालान काट रही हैं.