बाघिन ‘जान’ को मिला जोड़ीदार, PCCF काकोड़कर के आदेश NT-1 को किया शिफ्ट

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नागपुर. महाराजबाग चिड़ियाघर में कई वर्षों से अकेली रह रही बाघिन जान को आखिरकार एक नया साथीदार मिल ही गया. प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्यजीव) नितिन काकोड़कर के आदेश पर बुधवार की दोपहर 3 बजे गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र से एनटी-1 बाघ को शिफ्ट किया गया. भविष्य में जू खूलने के बाद अब दर्शकों को महाराजबाग में बाघिन ‘जान’ और बाघ ‘एनटी-1’ की जोड़ी एक साथ दिखने मिलेंगी. यह बाघ वन विभाग के अगले आदेश तक चिड़ियाघर में ही रहेगा. बाघ को सूरक्षित तौर पर बड़े केज में लाया गया. कोरोना को ध्यान में रखते हुए पहले ही पिंजरे को पूरी तरह सेनिटाइज किया गया. 

बावस्कर ने बताया कि महाराजबाग चिड़ियाघर में पिछले 3 वर्षों से ‘जान’ नामक बाघिन अकेले रह रही है. उसके लिए कोई जोड़ीदार लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही थी. इसके अलावा केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, दिल्ली (सीझेडए) ने महाराजबाग प्राणिसंग्रहालय के विकास प्रारूप को मंजुर करते हुए, बाघिन जान के लिए एक जोड़ीदार लाने की शर्त रखी थी.

सीझेडए के आदेशानुसार उन्होंने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक नितिन काकोडकर से एक बाघ देने की अपील की थी. उन्होंने इस बारे में विचार करते हुए अस्थायी रूप से एक बाघ गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र से स्थानांतरीत करने की अनुमती दी. इसके बाद सुरक्षित तौर पर बाघ एनटी-1 को महाराजबाग चिड़ियाघर में शिफ्ट किया गया. 

तलोदी से लाया था बाघ
एनटी-1 बाघ को 19 जुलाई को ब्रम्हपुरी क्षेत्र के तलोदी गांव से पकड़ के लाया गया था. 3 वर्ष का यह बाघ गांव के एक घर में घुस गया था. इसके बाद स्थानीय वन विभाग की टीम ने उसे पकड़कर गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेन्टर में भेजा. पिछले 15 दिनों से बाघ की देखभाल गोरेवाड़ा बचाव केन्द्र के वैद्यकीय अधिकारी कर रहे थे. बाता दें कि वर्तमान में बाघ को डिसप्ले में रखने के लिए सीझेडए से से अनुमती मांगी गई है. अनुमती मिलते ही चिड़ियाघर आने वाले दर्शकों को जल्द ही बाघ और बाघिन की जोड़ी साथ में देखने मिलेगी.