अनलॉक: अब कपड़ा भी हुआ महंगा

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    • 20 से 25 प्रश की बढ़ोतरी खादी सहित अन्य में
    • आम लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही महंगाई

    नागपुर. पेट्रोल-डीजल, खाद्य तेल से दालों तक के दाम बढ़ने के बाद अब कपड़ा बाजार भी महंगाई की गिरफ्त में है. अनलॉक के बाद बाजार खुले तो लोग कपड़ों की खरीदी में लग गये हैं लेकिन उन्हें अन्य चीजों की तरह कपड़ा खरीदी पर भी महंगाई का झटका लग रहा है. धागा व मटेरियल महंगे होने से खादी सहित अन्य कपड़ों के दाम में 15 से 20 प्रश तक की वृद्धि हुई है. खादी में जो कपड़ा 55 से 60 रुपये मीटर चल रहा था वह अब 80 से 85 रुपये प्रति मीटर पर पहुंच गया.

    वहीं कोसा जो 600 रुपये मीटर के करीब था अब 800 रुपये मीटर के आस-पास पहुंच गया है. इसी तरह ‘आरएफडी’ क्वालिटी का कपड़ा भी 140 रुपये से बढ़कर 175 से 180 रुपये पर पहुंच गया है. कपड़ों के भाव बढ़ जाने के बावजूद लोग अनलॉक का पूरा लाभ उठाते हुए कपड़े खरीद रहे हैं.  

    धागे से लेकर हुक-चेन व अन्य सामग्री भी महंगी

    खादी भंडार के नीरज शर्मा बताते हैं कि धागा ही 8 से 10 प्रश महंगा हो गया है जिसका असर कपड़ों पर पड़ा है. आज ऑरेंज सिटी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कपड़ों की कीमतों में वृद्धि हुई है. धागे से लेकर हुक-चेन सहित रॉ-मटेरियल महंगा हुआ है. एक अन्य व्यापारी बताते हैं कि जनवरी में नया स्टॉक मंगाया गया था लेकिन लॉकडाउन के चलते वह निकल नहीं पाया.

    वह स्टॉक वैसा का वैसा ही पड़ा रहा. अभी उस स्टॉक के साथ नया स्टॉक भी निकाला जा रहा है. अगस्त में रक्षाबंधन आता है तो त्योहार के लिए फिर से नया स्टॉक मंगाना पड़ेगा. जगह पर ही माल के भाव बढ़े हुए हैं. इसके चलते यहां पर कीमतें बढ़ानी पड़ीं. 

    कोरोना को देखते घटाया था उत्पादन

    व्यापारियों के अनुसार लॉकडाउन के चलते पहले मिलों ने उत्पादन घटा दिया था परंतु अब जैसे-जैसे अनलॉक से छूट मिल रही है मिलें अपना उत्पादन बढ़ा रही हैं. टैक्सटाइल मिलें हर दिन दाम बढ़ा रही हैं. रॉ-मटेरियल महंगा होने से रेडीमेड कपड़ों के भाव में 30 से 35 प्रश की वृद्धि हुई है. वहीं 20 से 25 प्रश की वृद्धि सिंथेटिक क्वालिटी के कपड़ों में हुई है. पेट्रोलियम की बढ़ोतरी से सिंथेटिक यार्न महंगा हो गया है. रंगाई वाले पदार्थ से लेकर केमिकल तक महंगे हो गए हैं. परिवहन की लागत भी बढ़ गई है. इन सभी कारणों के चलते कपड़ा महंगा हुआ है.    

    • 40% तक बढ़े कपड़ों के दाम
    • 30% तक की बढ़ोतरी रेडीमेड गारमेंट्स की कीमतों में
    • 25% की तेजी सिंथेटिक क्वालिटी के कपड़ों में
    • 25% की वृद्धि सूती कपड़े के दामों में