ST BUS
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    नागपुर. लॉकडाउन खुलने के बाद भी एसटी में यात्रियों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी तो हो रही हैं. परंतु अभी भी एसटी विदर्भ के भरोसे ही चल रही है. लॉकडाउन से हुए करोड़ों रुपए के घाटो की भरपाई की आस लिए एसटी जल्द ही पूरे स्टेट को कवर करने राह पर है लेकिन अन्य जिलों में लगी पाबंदियों के कारण अभी भी एसटी की बसें विदर्भ के बाहर नहीं जा पा रही है.

    अधिकारियों की मानें तो हर महीने एसटी को करोड़ों रुपए का घाटा होता है. इस बार लॉकडाउन के बाद से ही बसों को बंद कर दिया गया. जिससे घाटा और ज्यादा बढ़ गया है. पहले चरण में जब लॉकडाउन लगाया गया था उस वक्त एसटी गणेशपेठ बस स्टैंड ही केवल करीब 16 करोड़ रुपए के घाटे में थी. दो महीने के लॉकडाउन में भी करीब 3 से 5 करोड़ रुपए का घाटा एसटी को हुआ है. 

    नहीं मिल रहे बाहर के यात्री 

    एसटी फिलहाल विदर्भ के ही भरोसे चल रही है. बाहर के यात्री न तो यहां आ रहे हैं और न ही यहां से बाहर जा रहे हैं. केवल इन दिनों एसटी में विदर्भ के ही प्रवासी यात्रा कर रहे हैं. वहीं एसटी से यात्रा करने वालों में अब ज्यादातर नौकरी पेशा लोग ही हैं जो बाहर काम करने गए थे या वहां से काम करने यहां आ रहे हैं. एसटी बस स्टैंड पर मंगलवार को थोड़ी चहल-पहल दिखाई दी. कई रूटों पर बसें नहीं जा रही है. महाराष्ट्र में ही कई जिलों में अभी भी पूर्ण तरीके से लॉकडाउन नहीं खोला गया है. जिससे कारण वहां बसों को बंद रखा गया है. इसलिए उन रूटों के यात्री नहीं मिल रहे हैं.

    इंटरस्टेट भी ओपन नहीं

    महाराष्ट्र में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कई जिलों में लॉकडाउन हटाया जा चुका है. और कई जिलों में लॉकडाउन हटाने की तैयारी चल रही है. लेकिन अभी पड़ोसी राज्यों में स्थिति सामान्य नहीं हुई है. तेलंगाना में जहां लॉकडाउन लगा हुआ तो वहीं मध्य प्रदेश से अब तक बस भेजने की अनुमति नहीं मिली है. इंटरस्टेट बसों के चलने से एसटी को ज्यादा मुनाफा होता है. फिलहाल अभी छत्तीसगढ़ के लिए तीनों बसों को शुरू कर दिया है. 

    100% यात्री के साथ चल रहीं बसें

    लॉकडाउन खुलने के बाद फिलहाल एसटी मैनेजमेंट द्वारा बसों की टाइमिंग का शेड्यूल तय नहीं किया गया है. बसें अब 100 प्रतिशत यात्रियों के साथ चल रही हैं. लेकिन ज्यादातर रूटों पर एसटी की बसें पूरी तरह से भर भी नहीं रही है. जिससे एसटी को मुनाफा भी कम हो रहा है. 44 सीटर बसों में सिर्फ 22 से 30 ही यात्री ही रहे हैं. वहीं भंडारा, यवतमाल, वर्धा, गोंदिया की बसों में यात्रियों की संख्या कुछ बेहतर है.

    मालवाहक बसों ने पहुंचाई राहत 

    एसटी की बसें जहां पूरी लॉकडाउन में बंद रहीं, वैसे में एसटी की मालवाहक बसों ने थोड़ी राहत जरूर पहुंचाई है. बस स्टैंड से लॉकडाउन के दौरान भी पार्सल बुकिंग होती रही है. वहीं मार्केट अनलॉक होने के बाद से बसों में बुकिंग भी तेजी से बढ़ रही है. एसटी ने मालवाहक बसों से भी अच्छी आय हुई है.