Nikhil Dubey
निखिल दुबे

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नागपुर. देश में एकमात्र और दुनिया में दूसरे स्थान पर कठिन माने जाने वाली केंद्रीय लोकसेवा आयोग (युपीएससी) की परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया. इनमें महाराष्ट्र सहित आरेंज सिटी के युवाओं ने भी सफलता हासिल की. भारतीय प्रशासकीय सेवा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र के 6 युवाओं ने परीक्षा में बाजी मारी. सिटी के निखिल दुबे ने देश में ७33 वां रैंक हासिल किया. इसके साथ ही नागपुर केंद्र से चंद्रपुर निवासी सुमित रामटेके ७४८, पुणे के प्रसाद शिंदे २८७, चंद्रपुर की प्रज्ञा खंदारे ७१९, नाशिक के अशित कांबले ६५१ व स्वरूप दिक्षीत ने ८२७ वां रैंक प्राप्त किया. यूपीएससी द्वारा सितंबर में मुख्य परीक्षा ली गई थी. वहीं फरवरी से अगस्त के बीच चयनित उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये गये. इसके बाद ही अंतिम चयनित उम्मीदवारों की सूची घोषित की गई. केंद्र से सफल युवाओं का संचालक प्रा प्रमोद लाखे ने अभिनंदन किया. साथ ही केंद्र के प्रदर्शन पर समाधान भी व्यक्त किया.

एकाग्रता और निरंतरता ही जरुरी: निखिल
निखिल दुबे ने बताया कि केंद्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफल होने के लिए एकाग्रता, निरंतरता और परिश्रम की आवश्यकता होती है. सभी युवा इसी पेशन के साथ परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन जरुरी नहीं है कि पहले प्रयास में ही उत्तीर्ण हो जाएगे. शुरूआत में एक-दो बार सफलता नहीं मिलने पर युवा मानसिक रुप से कमजोर हो जाते हैं. लेकिन असफलता ही सीखाती है. असफल होने के बाद तैयारी और बढ़ा देना उचित होता है. गलतियों को खोजने और उसे ठीक करने की जरुरत होती है. युपीएससी के स्मार्ट पैटर्न में पढ़ाई की आवश्यकता होती है. इसके लिए एकाग्रता ही सबसे जरुरी है. अनेक युवा तैयारी कर रहे हैं. लेकिन इसके लिए आवश्यक मार्गदर्शन और योग्य सहपाठियों का सहयोग भी जरुरी होती है. निखील की २०१८ में इंडियन इन्फारमेशन सर्विसेस में चयन हुआ था. फिलहाल वह दिल्ली में प्रशिक्षण संस्था में कार्यरत है. 

युवाओं में जागृति की जरुरत : सुमीत रामटेके
सुमित रामटेके ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के बारे में विदर्भ के युवाओं को प्रोत्साहित किये जाने की जरुरत है. सुमित पिछले 4 वर्षों से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. २०१५ में वाराणसी आईआईटी से अभियांत्रिकी की डिग्री हासिल की. मूलत: यवतमाल जिले के शिरपुर के रहने वाले सुमित की उच्च माध्यमिक शिक्षा नागपुर में हुई.  २०१८ में सीआरपीएफ में असि. कमांडेंट के रूप में पोस्टिंग मिली< लेकिन ज्वाइन नहीं की. इस बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी थी और इस बार सफलता मिल गई.