Vikas Thakre

  • इसी सप्ताह स्वीकार कर सकते है पदभार

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नागपुर. भाजपा के चुनावी एजेंडे के अनुसार भले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की ओर से प्रन्यास को बर्खास्त करने की घोषणा की गई हो, किंतु प्रन्यास में भाजपा द्वारा भेजे गए विश्वस्त मंडल के सदस्यों की ओर से प्रक्रिय चलने का ही हवाला दिया जाता रहा है. साथ ही विश्वस्त मंडल की बैठकों में भी उपस्थिति दर्ज की जाती रही है.

अब नागपुर सुधार प्रन्यास अधिनियम 1936 की धारा 04 (1)(f) के प्रावधानों के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले की ओर से विधायक विकास ठाकरे को नाम निर्देशित किया गया है. विशेषत: विधान मंडल का शीतकालीन सत्र होने से अब इसी सप्ताह किसी भी समय ठाकरे विश्वस्त मंडल के सदस्य का पदभार स्वीकार करेंगे. नियुक्ति के संदर्भ में जारी किए गए आदेशों के अनुसार सरकार के अगले आदेश तक उनकी नियुक्ति बरकरार रहेगी.

अब गरमाएगी राजनीति

उल्लेखनीय है कि भाजपा की ओर से भले ही प्रन्यास बर्खास्तगी का समर्थन होता रहा हो, किंतु विश्वस्त मंडल में उनके सदस्य होने के कारण मुखर होकर इसका कभी भी विरोध नहीं किया गया. यहां तक कि विश्वस्त मंडल में भाजपा के सदस्यों की ओर से भी इसका विरोध नहीं किया गया. तत्कालीन राज्य सरकार ने विधानसभा के चुनाव आने के कुछ समय पहले प्रन्यास बर्खास्ती को लेकर घोषणा की, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं की गई.

अब राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद पालक मंत्री नितिन राऊत की ओर से प्रन्यास को यथावत् बनाए रखने की मांग उजागर की गई. एक ओर ठाकरे की विश्वस्त मंडल में बतौर सदस्य नियुक्ति से उनकी मांग पर भी मुहर लगने की संभावना सूत्रों ने जताई. तत्कालीन सरकार की घोषणा के अनुसार प्रन्यास की सम्पत्तियों का मनपा को हस्तांतरण किया जाना है. किंतु कई कारणों से अब तक हस्तांतरण नहीं हो पाया. अब कांग्रेस की ओर से विश्वस्त मंडल में सदस्य आने से सम्पत्तियों के हस्तांतरण पर विवाद होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.