- कोरोना के कारण यादगार रहेगा यह भी दिन
नागपुर. दोस्ती को न तो किसी उम्र में बांधा जा सकता है न ही वर्ग और समाज में. कहते हैं कि बाकी सभी रिश्ते इंसान को भगवान देकर भेजता है, सिर्फ एक दोस्ती ही ऐसा रिश्ता है जिसे इंसान खुद अपनी पसंद से चुनता है, बनाता है और निभाता है. ऐसे ही अनमोल रिश्ते को और भी मजबूत बनाने के लिए अगस्त का पहला रविवार फ्रेंडशिप के रूप में मनाया जाता है. इस बार कोराना का प्रभाव दोस्ती पर भी पड़ा है.
पहले रविवार को दोस्ती आउटिंग पार्टी के साथ सेलिब्रेट होती थी, परंतु इस कोरोना के कारण ऐसा नहीं हो पाया. कुल मिलाकर इस बार का फ्रेंडशिप डे वर्चुअल दोस्ती को समर्पित रहा. फिर बात चाहे फ्रेंडशिप बैंड्स की हो, गिफ्टस की हो या शुभकामनाओं की. सब कुछ ऑनलाइन सेलिब्रेशन हुआ. दोस्त न तो आउटिंग कर पाये और न ही फिल्में देख पाये. कोरोना के कारण शहर में लगभग 55 प्रतिशत युवा इस समय वर्चुअल दोस्ती को ज्यादा महत्व दे रहे हैं.
सुबह से शुरू हो गया था संदेशों का दौर
फ्रेंडशिप डे को लेकर सुबह से ही सोशल मीडिया पर संदेशों का दौर शुरू हो गया था. कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के चलते आउटिंग के कार्यक्रम संभव नहीं हो पाया, जिसके चलते दोस्तों ने फ्रेंडशिप डे अपने-अपने तरीके से मनाया. किसी ने ऑनलाइन पार्टी रखी तो किसी ने परिवार के साथ समय बिताकर इस दिन को मनाया. वहीं दोस्तों ने सरप्राइज गिफ्ट भी बुक कर एक-दूसरे के पते पर भेजे.
महामारी ने बदला सब-कुछ
कोरोना वायरस का कहर थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. आए दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. महामारी के कारण सभी प्रकार का त्योहार भी प्रभावित हो रहे है. दोस्तों का पर्व भी इसी की भेंट चढ़ गया. हर बार लोग अपने दोस्तों के साथ मॉल आदि जगहों पर घूमने के लिए जाते थे. लेकिन अब महामारी ने सबकुछ बदल दिया है. तुषार बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले तो ऑफिस में साथ रहकर तो बहुत काम किया था, लेकिन लॉकडाउन में काम करना बहुत चैलेंजिंग रहा. इस दौरान मैंने और मेरे दोस्तों ने एक दूसरे का सपोर्ट करते हुए काम को सफर नहीं होने दिया. हमारी यही कोशिश रही कि स्काइप के जरिए एक दूसरे से बात करते है और एक दूसरे की प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी तरह फ्रेंडशिप डे भी इस बार आनलाइन ही मनाया. वहीं रणवीर बताते हैं कि हम हर वर्ष फ्रेंडशिप पर पचमढ़ी और अमरगढ़ फॉल्स विजिट करते थे, लेकिन इस बार कोरोना के कारण ऐसा नहीं हो पाया.
प्लान हुआ चौपट
विनोद बताते हैं कि फ्रेंडशिप डे के लिए काफी प्लान थे, लेकिन कोरोना संक्रमण ने सब चौपट कर दिया. कभी ऐसा सोचा ही नहीं था कि ऐसा वक्त भी होगा जब दोस्तों से भी मिलने-जुलने पर ऐसी आफत आएगी. पर कहते हैं न मुश्किलें हैं तो रास्ते भी हैं और यह रास्ता भी अनजाना नहीं. इसे देखते हुए इस बार फ्रेंडशिप डे वर्चुअल सेलिब्रेशन किया.