Morbhavan

  • कई प्लान बने, कागजों में सिमट कर रह गए

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नागपुर. सिटी के मध्य स्थित सीताबर्डी में मोर भवन बस स्टैंड की जमीन पर कभी माल्स कम सिटी बस स्टैंड निर्माण का सपना दिखाया गया तो कभी बंगलुरू की तर्ज पर ट्रांफिक ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर साकार करने का शोर मचाया गया लेकिन करीब 2 दशकों से इस बस स्टैंड का उद्धार नहीं हो सका है. जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति का अभाव कहें या फिर संबंधित विभाग में बैठे अधिकारियों की उदासीनता. लेकिन मोर भवन बस स्टैंड की महत्वपूर्ण जमीन पर अत्याधुनिक माल्स कम ट्राफिक ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर तो बनाया ही जा सकता है. अब तो मेट्रो रेलवे का कार्य भी काफी हद तक पूरा हो चुका है ऐसे में अगर मोर भवन बस स्टैंड का स्वरूप भी बदला गया तो सिटी के लिए एक और शान खड़ी होगी.

बताते चलें कि जब केन्द्र में कांग्रेस नीत सरकार थी तब बंगलुरू में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा को सुचारु, आसान और स्तरीय बनाने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत ट्राफिक ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर बनाकर दिया गया था. उसी तर्ज पर नागपुर में मोर भवन बस स्टैंड की जमीन पर भी सेंटर साकार करने की योजना बनाई गई थी लेकिन सरकार गई. नई सरकार आ गई. जेएनएनयूआरएम योजना भी बंद हो गई. भले उक्त योजना बंद हुई हो लेकिन वर्तमान सरकार दूसरी योजना के तहत उस प्लान को साकार कर सकती है.

अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस

बंगलुरू में जो सेंटर बनाकर दिया गया था उसमें समस्त यात्री सुविधाओं के साथ ही वर्कशाप, स्टाफ रिफ्रेशमेंट की सुविधाएं उपलब्ध की गई. पूरा टर्मिनस कवर्ड है जिससे यात्री को किसी भी मौसम में कोई असुविधा नहीं होती. सभी रूटों की बसों का मैनेजमेंट सुचारु ढंग से होता है. पार्किंग की सुविधा पर्याप्त है. ठीक उसी तर्ज पर नागपुर के मोर भवन बस स्टैंड की जमीन पर भी ट्राफिक ट्रांजिट मैनेजमेंट सेंटर साकार हो सकता है. इसे साकार करने के लिए मोर भवन से जुड़ी पीकेवी की जमीन भी उपयोग में लाई जा सकती है. इस जमीन पर करीब 20-25 वर्षों से माल्स सहित बस स्टैंड साकार करने का सपना ही शहरवासियों को दिखाया जा रहा है. मनपा ने यहा राज्य परिवहन मंडल से सिटी बस संचालित करने के लिए कुछ प्लेटफार्म लिये हैं. एसटी महामंडल इस जमीन को किसी दूसरे प्रयोजन के लिए देने को तैयार नहीं था, जब जमीन को मनपा ने सिटी बस संचालन के लिए पूरी तरह मांगा था तो उसने अपनी कुछ बसों का संचालन यहां से शुरू कर दिया. हालांकि जब एसटी सिटी बस संचालित करता था तो यही उसका मुख्य बस स्टैंड हुआ करता था.  

अफरातफरी का माहौल

फिलहाल सिटी बसों के साथ कुछ बसें ग्रामीण भागों के लिए यहीं से चलाई जा रही हैं. हालत यह है कि बस स्टैंड के प्रवेश द्वारा पर ही आटोचालक बीच में कब्जा जमाये खड़े रहते हैं. वे सवारी के चक्कर में रोड जाम करते हैं. हालांकि ट्राफिक पुलिस यहां कार्रवाई करती है लेकिन बावजूद इसके आटोवालों की दादागीरी बरकरार है. बस स्टैंड में किसी तरह की यात्री सुविधा नहीं है. बस स्टैंड से हाकरों और आटोवालों को हटाने की जरूरत है. सामान बेचने वाले भी यहां अपना कब्जा जमाए बैठे रहते हैं. बारिश व धूप से बचने के लिए पर्याप्त शेड तक नहीं है. बाजार परिसर में होने के कारण अगर यहां माल्स कम बस स्टैंड बना तो भी संबंधित अथारिटी को काफी आय होगी और साथ ही सिटी के नागरिकों को अच्छी सुविधा मिलेगी.