Labor
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    नागपुर. कोरोना वायरस के कारण महाराष्ट्र में लागू किए गए लॉकडाउन का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते हालात ऐसे बन गए हैं कि ये प्रवासी मजूदर अपने घर लौटने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर है. पूरे देश में कहीं मजदूर हाइवे तो कहीं रेलवे पटरियों के जरिए अपने घर लौटने की कोशिश में जुटे हुए हैं. सिटी में अब ऐसा नजारा आम बात हो गया है. सीताबर्डी में मजदूरों का एक बड़ा दल पैदल ही चंद्रपुर, अकोला, अमरावती जैसे मार्गों पर नजर आया. पूछने पर मजदूरों ने बताया कि टोटल लॉकडाउन के कारण ये परेशानी हो रही है. सोमवार से लॉकडाउन खुलेगा या नहीं इस पर असमंजस की स्थिति है. ऐसे में अपने गांव जाना ही बेहतर रहेगा. इसलिए पैदल ही घर जा रहे हैं.

    विदर्भ के मजदूर लौट रहे घर

    दूसरे राज्यों के मजदूरों के अलावा नागपुर में विदर्भ के भी मजदूर अपने गांवों से काम करने के लिए पहुंचे हैं. लेकिन लगातार बढ़ रहे लॉकडाउन के कारण उनका भी सब्र टूट गया है. मजदूर अब लॉकडाउन खुलने की उम्मीद छोड़ कर पैदल ही अपने गांव जाने के लिए मजबूर हो गए हैं. मजदूरों के सामने सबसे बड़ी चिंता खुदे के घर चलाने की सामने आ गई है. 

    कई मजदूरों के काम भी छूटे

    कोरोना का लॉकडाउन इस बार फिर मजदूरों के लिए कहर बनकर लौटा है. फ्रैक्ट्री और कंपनियां बंद होने की वजह से जहां हजारों मजदूर अपने राज्य वापस लौट रहे हैं तो वहीं मजदूरों के पलायन का एक सच उनकी नौकरी जाना भी है. जो मजदूर रेगुलर भी किसी कंपनी में या फ्रैक्ट्री में काम करते थे उन्हें अस्थाई रूप से हटाकर गांव भेजा जा रहा है. मजदूरों ने नौकरी जाने की बात भी कबूली है. उनका कहना है कि जब नौकरी रही ही नहीं तो यहां रुक कर क्या मतलब.