Maturkar Family Murder Case, Nagpur

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    नागपुर. तहसील थाना क्षेत्र में हुए सामूहिक हत्याकांड में पुलिस के हाथ एक ऑडियो क्लिप लगी है जिससे पता चलता है कि हत्या के सत्र की शुरुआत आलोक की ससुराल से हुई थी. अमिषा जानती थी कि आलोक उससे मिलने आ रहा है. जैसे ही दोनों की बातचीत शुरू हुई अमिषा ने अपने फोन पर वॉइस रिकॉर्डर शुरू कर दिया. दोनों के बीच पहले प्यार भरी बातें हुईं. दोनों ने शारीरिक संबंध भी बनाए. इसके बाद शुरू हुई दोनों के बीच बहस. अमिषा को जरा भी भनक नहीं थी कि आलोक अपने साथ चाकू भी लाया है. जैसे ही गालीगलौज शुरू हुई आलोक ने चाकू से उसकी गर्दन रेत दी. इसके बाद उसके शरीर को भी गोद डाला. ऑडियो क्लिप में रिकॉर्ड हुई आवाज के अनुसार हत्या करने के बाद आलोक ने चाकू धो लिया. लेकिन करीब 15 मिनट के बाद सास लक्ष्मीबाई घर में दाखिल हुई. बेटी को खून से लथपथ हालत में पड़े देख उन्होंने आलोक से कहा ‘ये क्या कर दिया जवाई.’

    आलोक ने उन्हें चुप रहने को कहा लेकिन बेटी की हालत देख वह चुप न रह पाई और इसी दौरान उसने लक्ष्मी को भी चाकू से गर्दन पर वार कर मौत के घाट उतार दिया. 28 मिनट के भीतर आलोक ने सास और साली का काम तमाम कर दिया. इसके बाद दोनों के शरीर को चादर ढंककर वहां से चल दिया. अब तक हुई जांच में यह साफ हो गया कि लक्ष्मी ने ही आलोक को घर जाकर अमिषा को समझाने के लिए कहा था. इस दौरान लक्ष्मी आलोक के घर में ही बैठी थी. इस ऑडियो क्लिप में रिकॉर्ड हुए संभाषण से यह बात भी साफ हो गई है कि आलोक और अमिषा के बीच प्रेम संबंध थे. 

    देखता था महिलाओं को वश में करने के वीडियो

    आलोक का मोबाइल खंगालने पर पुलिस को पता चला कि वह महिलाओं को वश में करने के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखता था. उसके युट्यूब की सर्च हिस्ट्री से तो यही पता चलता है. खून से सने कपड़ों के साथ वह घर पर तो गया लेकिन विवाद होने के बाद भी उसने पत्नी विजया को अपने वश में कर लिया. बड़ी ही चालाकी से उसने उसे उत्तेजित किया और चाकू से गर्दन रेत दी. मां की चीख सुनकर बेटी परी जाग गई. संभवत: परी उसका विरोध कर रही थी. उसने पहले उसके सिर पर हथौड़ी जैसी वस्तु से वार किया. उसके बेहोश होने पर हाथ-पैर बांध दिए और चाकू से गर्दन पर वार कर मौत के घाट उतार दिया. 

    सच्चाई सामने लाना चाहती थी अमिषा

    आलोक और अमिषा के बीच प्रेम संबंध थे. लेकिन अमिषा की 2 और युवकों के साथ भी दोस्ती थी. इसकी जानकारी आलोक को थी. यह उसे पसंद नहीं था कि वह किसी और से बात करे इसलिए उसे रोका-टोका करता था. परिजनों को लगता था कि वह अपने जीजा होने का फर्ज निभा रहा है लेकिन अमिषा उसकी मंशा जानती थी. शायद इसीलिए आलोक के घर पहुंचने के बाद उसने अपने पिता के दोस्त बबलू को मैसेज करके बताया था कि टकला (आलोक) घर पर आया है. इसी के साथ उसने वॉइस रिकॉर्डर भी शुरू कर दिया था. आलोक से दूर रहने के लिए ही उसने अपना घर छोड़ दिया था और लगभग 1 महीने तक अपनी सहेली के साथ रही. किसी तरह परिजनों ने उसे वापस बुलाया लेकिन फिर आलोक की रोक-टोक शुरू हो गई.

    ऑनलाइन खरीदे 2 चाकू का उपयोग 

    आलोक पहले ही अमिषा को मारने की प्लानिंग कर चुका था. इसीलिए उसने स्नैपडील से 3 बड़े चाकू का सेट मई में ही खरीद लिए थे. चाकू उसने अपनी बेटी के नाम पर ऑर्डर किए थे. पुलिस ने मंगलवार को आलोक के घर की तलाशी भी ली. जांच में लोन से संबंधित कुछ दस्तावेज और 20 लाख रुपये का चेक भी मिला. बताया जाता है कि उसने अमरावती में व्यापार शुरू करने के लिए कर्ज लिया था. कारखाने में आग लगने के बाद सब बर्बाद हो गया. वह दिवालिया हो गया और इसीलिए 1 वर्ष पहले वापस नागपुर आ गया. 

    परिजनों ने किया अंतिम संस्कार

    मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद अमिषा और लक्ष्मी का शव उनके पति देवीदास को सौंपा गया, जबकि विजया, परी, साहिल और आलोक का शव उसके भाई के सुपुर्द किया गया. मातुरकर परिवार का अंतिम संस्कार शांतिनगर घाट पर किया गया, जबकि अमिषा और लक्ष्मी की अंतिम क्रिया वैशालीनगर घाट पर की गई.