Nagpur ZP

  • बढ़ाई सतर्कता, मुख्य कार्यालयों के सभी रास्ते किए बंद

Loading

नागपुर. सिविल लाइन्स में विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर से सटे हुए जिला परिषद मुख्यालय में भी अब कर्मचारियों व अधिकारियों में कोरोना की दहशत नजर आ रही है. हालांकि जब से कोरोना लॉकडाउन हुआ तभी से मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी और सरकार के निर्देशानुसार 5-10 फीसदी स्टाफ से ही काम चलाया जा रहा था. लेकिन अब ग्रामीण भागों में भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों की संख्या बढ़ने के साथ ही मुख्यालय में भी सतर्कता और बढ़ा दी गई है, क्योंकि ग्रामीण भागों के विकास का मिनी मंत्रालय कहे जाने वाले जिप मुख्यालय में ग्रामीण भागों से नागरिक अपने काम से आते हैं.

ऐसे में कौनसा व्यक्ति कोरोना का वाहक हो, यह कहा नहीं जा सकता. अब तो कोरोना के लक्षण भी संक्रमित के शरीर में नजर नहीं आते इसलिए खतरा अधिक बढ़ गया है. जिप मुख्यालय में कर्मचारी व अधिकारी भी डरे हुए हैं और उनमें से किसी को भी अगर कोरोना का लक्षण नजर आता हैं तो उन्हें तुरंत क्वारंटाइन करने के लिए पुरानी इमारत में स्थित एक मीटिंग हाल में 3 बेड वाला क्वारंटाइन सेंटर ही बना लिया है. संदिग्ध को तुरंत पहले वहां क्वारंटाइन किया जाएगा और फिर एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल रवाना किया जाएगा.

एक को छोड़ सभी प्रवेश बंद
जिला परिषद कार्यालय में जाने के लिए 4-5 द्वार हैं. कुछ दिनों पूर्व तक सारे द्वारा खुले थे और केवल इमारत के द्वार पर सैनिटाइजर की व्यवस्था थी. अब तो परिसर में घुसने के ही सारे द्वारा बंद कर दिए गए हैं. केवल एक द्वार ही खुला रखा गया है. वहीं आनेवालों की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है. इसके अलावा वाशरूम में हैंडवाश भी रखने की जानकारी अधिकारी ने दी, लेकिन वहां से हैंडवाश गायब नजर आया. सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी को बुखार, सर्दी, खांसी के साथ ही कोरोना के लक्षण महसूस हों तो वे तुरंत क्वारंटाइन हों और अधिकारियों को सूचना दें ताकि उन्हें उपचार के लिए भेजा जा सके. सभी विभाग में जो भी कर्मचारी उपस्थित था, सभी ने मास्क लगाया हुआ था, लेकिन वे भय के माहौल में काम करते नजर आए.

जिले में 45 हो गई संख्या
एक कर्मचारी ने बताया कि जब तक मजदूर शहर से गांव तक नहीं लौटे थे, तब तक जिले के ग्रामीण भागों में कोरोना के मरीज नहीं थे. केवल कामठी में 1 मरीज मिला था. लेकिन बाहर से आने वाले लोगों के कारण अब तक जिले के ग्रामीण भागों में 45 बाधित मिल चुके हैं. हालांकि उनमें से अधिकतर उपचार के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गए, लेकिन इससे ग्रामीण भागों में भी अब डर का माहौल है. जिला परिषद में ग्रामीण भागों से ही लोग आते हैं. हालांकि कोरोना लॉकडाउन व भय के चलते बहुत ही कम नागरिक, जिप सदस्य आ रहे हैं लेकिन फिर भी सतर्कता बरती जा रही है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे. मास्क का उपयोग हो रहा है. सैनिटाइजिंग के बिना प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. फिलहाल 2-3 पदाधिकारी ही मुख्यालय में आ रहे हैं. अगर कोई संदिग्ध पाया भी गया तो तुरंत ही पुरानी इमारत में बनाए गए इमरजेंसी क्वारंटाइन सेंटर में उसे अलग कर दिया जाएगा. वहां 3 बिस्तर लगाया गया है.