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    नागपुर. स्थानीय निकाय संस्थाओं में विविध वर्ग के लिए 50 फीसदी आरक्षण से अधिक हो जाने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सभी ओबीसी सीटों की मान्यता रद्द कर दोबारा ओपन वर्ग से चुनाव करवाने का निर्देश राज्य चुनाव आयोग को दिया था. 4 मार्च को सुको के आदेश के बाद आयोग के निर्देश पर जिलाधिकारी ने जिला परिषद की 16 और पंचायत समितियों की 31 ओबीसी सीटों की मान्यता रद्द कर दी थी.

    उसके बाद आयोग ने चुनाव कार्यक्रम भी जाहिर कर प्रक्रिया शुरू कर दी थी. 19 जुलाई को मतदान होना था. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई और नाम वापसी के बाद फाइनल उम्मीदवारों की सूची जारी होनी थी लेकिन राज्य सरकार ने कोविड के खतरे को देखते हुए सुको से चुनाव आगे बढ़ाने की विनती की और सुको ने चुनाव आयोग को निर्णय लेने को कहा था. उसके बाद फिलहाल उप चुनाव स्थगित कर दिया गया है.

    अब चुनाव कब होंगे, यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है लेकिन ओबीसी सीटों को रद्द करने के चलते जिप में उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त हो गया है और उसकी जिम्मेदारी अध्यक्ष ही संभाल रही हैं. चुनाव पर स्टे आते ही सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के कुछ सदस्य उपाध्यक्ष पद पाने के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं की लाबिंग करने में जुटे हुए हैं लेकिन पार्टी फिलहाल उप चुनाव होते तक स्थिति को ‘जैसा है’ वैसा ही बनाए रखना चाहती है. मतलब जब तक उप चुनाव नहीं होते तब तक जिला परिषद बिना स्वतंत्र उपाध्यक्ष पद के ही रहेगा.

    2 सभापतियों की जिम्मेदारी

    जिप उपाध्यक्ष के पास दो-दो विभाग की विशेष जिम्मेदारी होती है. दोनों ही विभाग बेहद महत्वपूर्ण हैं. पहला स्वास्थ्य विभाग और दूसरा बांधकाम विभाग. ग्रामीण भागों में कोविड-19 महामारी, बारिश जन्य संक्रामक बीमारियों के सीजन में स्वास्थ्य सभापति का पद रिक्त है. इससे निश्चित तौर पर विभाग के कामकाज में विपरीत प्रभाव पड़ना ही है. वहीं ग्रामीण भागों में विकास के कार्य बांधकाम विभाग के माध्यम से होते हैं. उपाध्यक्ष के पास इस विभाग के सभापति की जिम्मेदारी थी.

    उपाध्यक्ष के नहीं रहने से अब यह विभाग भी अनियंत्रित होने का भय है. विभाग के कामकाज पर नियंत्रण रखने वाला कोई जम्मेदारी पदाधिकारी नहीं है. अध्यक्ष ही यह विभाग भी देख रही हैं. खुद कांग्रेस पार्टी के कुछ सदस्य यह कह रहे हैं कि पहले ही अध्यक्ष के पास अनेक विभाग हैं और अतिरिक्त जिम्मेदारी के चलते कामकाज प्रभावित हो रहा है. इसलिए पार्टी को फिलहाल उप चुनाव होते तक किसी अन्य वरिष्ठ सदस्य को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देनी चाहिए. 

    उप चुनाव होना तय है : मूलक

    कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व पूर्व मंत्री राजेन्द्र मूलक ने कहा कि चूंकि ओबीसी सीटों पर ओपन वर्ग से चुनाव होना तय था, इसलिए जिप में उपाध्यक्ष पद की नियुक्ति नहीं की गई थी. चुनाव के लिए रुके हुए थे. चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई. उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया. नाम वापसी की तारीख पर ही चुनाव पर स्टे लग गया. स्टे पूरे चुनाव पर नहीं लगा है बल्कि कोविड आपदा के हालात को देखते हुए लगाया गया है.

    आयोग जब चुनाव आयोजित करेगा तो जहां तक प्रक्रिया पूरी हुई है उसके आगे की प्रक्रिया से शुरू होगा. मतलब नामांकन दाखिल करने के बाद विड्राल की प्रक्रिया से दोबारा चुनाव कार्यक्रम शुरू होगा. इसलिए तब तक जिप में उपाध्यक्ष पद की नियुक्ति सही नहीं होगी, चुनाव कभी भी हो सकते हैं.