साहसी छलांग के 110 वर्ष पूरे, सावरकर प्रेमियों ने निकाली रैली

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भारत रत्न पुरस्कार देने की मांग

भगूर. स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर द्वारा फ्रान्स के मार्सेलिस बंदरगाह में जहाज से लगाई गई साहसी छलांग को 110 वर्ष हो गए गए. इस अवसर पगर भगूर निवासी सावरकर प्रेमियों ने वाहन रैली निकालकर स्वातंत्र्यवीर सावरकर को भारत रत्न पुरस्कार देने की मांग की. 1 हजार 500 वाहनों को भारत रत्न सावरकर नाम का स्टीकर लगाकर जयघोष किया. रैली की शुरुआत में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को संभाजी देशमुख व स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की प्रतिमा को संदेश बुरके ने पुष्पहार अर्पण किया. 

गंभीरता से नहीं ले रहीं सरकारें 

इस दौरान मनोज कुंवर स्वातंत्रवीर सावरकर को भारतर रत्न देने की मांग करते हुए कहा, सावरकर पर जान लुटाने वाले बहुत वर्षो से यह मांग कर रहे हैं.  परंतु सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने और अपने परिवार का प्रत्येक क्षण न्यौछावर करने वाले सावरकर को देश को सर्वोच्च नागरी पुरस्कार अर्थात भारत रत्न पुरस्कार मिलना ही चाहिए. विगत 73 वर्षों से इस मांग को नजर अंदाज किया जा रहा है. सावरकर के वैचारिक विरोधियों ने कई वर्षों तक उनका असली इतिहास दबाए रखा. अब  लोगों को सावरकर का कार्य समझ में आ रहा है. 

सावरकर के त्याग को भुलाया नहीं जा सकता

सावरकर के परिवार के त्याग के साथ किसी भी परिवार की तुलना नहीं हो सकती. जब तक तात्याराव को भारतरत्न घोषित नहीं होता तब तक यह अभियान जारी रहेगा. इस दौरान स्वातंत्र्यवीर सावरकर फेसबुक समूह के मनोज कुवर, योगेश बुरके, प्रमोद आंबेकर, प्रशांत लोया, भुषण कापसे, सुनिल जोरे, दादासाहब देशमुख, सुरेश सूर्यवंशी, मारुति कोरडे, संदेश बुरके, केतन कुवर, संभाजी देशमुख, प्रवीण वाघ, निलेश हासे, पवन कुवर, रामदास गाढवे आदि उपस्थित थे.