- नगरसेवकों की मांग के अनुसार किया जा रहा निर्माण
- निजी कंपनियां करेंगी कार्य का निरीक्षण
नाशिक. कोरोना काल में मनपा के धन में कमी हो जाने के बाद भाजपा की महत्वाकांक्षी 250 करोड़ रुपये की सड़क परियोजना की आलोचना के बाद भाजपा ने अब इस पर काम करना शुरू कर दिया है. सदन के नेता सतीश सोनवणे और समूह के नेता जगदीश पाटिल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सभी पार्टी नगरसेवकों की मांगों के अनुसार सड़कों का निर्माण किया जा रहा है.
सड़कों को ए, बी, सी और डी के रूप में वर्गीकृत किया गया है, पहली नई कॉलोनियों में सड़कों को पक्का और दुरुस्त करने को प्राथमिकता दी जा रही है. सोनवणे और पाटिल ने कहा कि जांच के.के. वाघ जैसे तीसरे पक्ष के तकनीकी संस्थानों द्वारा की जाएगी. चुनावों के दौरान भाजपा शहर में 250 करोड़ रुपये की सड़कों का निर्माण कर रही है. यह योजना विवादों में है क्योंकि नोटबंदी के दौरान पैसे खत्म हो गए हैं और यहां तक कि भाजपा के आयुक्त कैलाश जाधव ने भी इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है.
आलोचना के बाद दी सफाई
व्यापक आलोचना के बाद, सोनवणे और पाटिल ने मीडिया का सामना करके इस योजना पर प्रकाश डालने की कोशिश की. पिछले साल नगरसेवकों को नागरिक कार्य करने का अधिक अवसर नहीं मिला. 2017 में तत्कालीन सिटी इंजीनियर यू. बी. पवार ने शहर की सड़कों का सर्वेक्षण किया था. सोनवणे ने स्पष्ट किया कि उस सर्वेक्षण में सड़कों के लिए 800 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. नगरसेवकों ने मांग की कि कुछ आवश्यक सड़कों का निर्माण किया जाना चाहिए. सोनवणे ने दावा किया कि इन सड़कों का निर्माण तदनुसार किया जा रहा है.
ए, बी, सी और डी तरीकों की सूची तैयार
2017 में 257 करोड़ रुपये की सड़कों का निर्माण किया जाना था. हालांकि तुकाराम मुंडे ने इसे रद्द कर दिया था. मनपा ने सड़कों के लिए ए, बी, सी और डी तरीकों की सूची तैयार की है. जिसमें पहले पत्थर डालने, उसके बाद तारकोल डालने और फिर प्लास्टर करने का काम किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी सड़कों में सुधार किया जाएगा और 250 करोड़ रुपये सड़कों पर खर्च किए जाऐंगे. 3 साल तक सड़क की सुरक्षा के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है. उसके बाद यदि गड्ढे होते हैं तो इसकी मरम्मत मनपा द्वारा की जाती है. यह पूछे जाने पर कि सिंहस्थ काल की सड़कें अच्छी होने पर भी कुछ ही सालों में यह रास्ते खराब क्यों हो गए, उस पर पाटिल और सोनवणे ने गुणवत्ता नियंत्रण विभाग की आलोचना की. यदि गुणवत्ता नियंत्रण कार्य गलत हैं, तो उनकी जांच की जाएगी.
बजट के प्रावधानों के अनुसार निर्माण
उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये के कार्यों का निरीक्षण एक तीसरे पक्ष द्वारा किया जाएगा. आईआईटी पवई, मैरी, के. के. वाघ यह संस्थाएं सड़कों का निरीक्षण करेंगी. पाटिल और सोनवणे ने यह भी दावा किया कि सड़कों का निर्माण बजट के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है. हालांकि 250 करोड़ सड़कों के लिए है, वर्तमान में 166 करोड़ रुपयों की सड़कों के बजट को शामिल किया गया है. वर्तमान कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी.