नाशिक. पहली त्रासदी समाप्त नहीं होती है कि दूसरा संदेश आ जाता है। जब समय आता है, तो सभी को दुनिया को अलविदा कहना पड़ता है, लेकिन कोरोना (Corona) द्वारा मारे जा रहे एक ही परिवार के 3 सदस्यों की दिल दहला देने वाली घटना शायद ही कभी होती है। मां (Mother) और फिर पिता (Father) के बाद बड़े भाई (Big Brother) की मौत (Death) के गम से उबरने की कोशिश करते परिवार पर इससे बड़ी विपत्ति कोई और नहीं हो सकती। महज एक पखवाड़े में शहर के देशपांडे परिवार ने इतना बड़ा दुख सहन किया है।
नाशिक एजुकेशन सोसाइटी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य और पेठे विद्यालय के सेवानिवृत्त हेडमास्टर वि. भा. देशपांडे (76) का शुक्रवार को कोरोना से निधन हो गया। 70 साल की उनकी पत्नी अपर्णा का 10 से 12 दिन पहले निधन हो गया था, जबकि उनके बड़े बेटे 46 वर्षीय आनंद का गुरुवार को निधन हो गया।
15 दिनों में 3 मौतें एक ही घर में हुईं
संक्रमण को रोकने के लिए सावधानी बरतने के बावजूद कोरोना ने इस परिवार को नहीं छोड़ा। देशपांडे के दूसरे बेटे अमोल का भी एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि रंगुबाई जुन्नारे स्कूल में शिक्षक देशपांडे का छोटा बेटा अमित सभी रस्में निभा रहा है। केवल 15 दिनों में 3 मौतें एक ही घर में हुईं। कुछ दिनों से जो हो रहा है, वह परिवार के लिए अप्रत्याशित है। देशपांडे के निधन की खबर से शुक्रवार को शिक्षा हलकों में खलबली मच गई थी।