Accelerate regularization of encroachments

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    मालेगांव. सभी के लिए आवास नीति के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लाभार्थियों को आवास के लिए अतिक्रमित भूमि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार राज्य में सरकारी भूमि (Government Land) पर अतिक्रमणों को नियमित करने के लिए एक नीति बनाई गई है।

    इसके तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमणों को नियमित करने के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इसके प्रभावी कार्यान्वयन और लंबित मामलों को तुरंत निपटाने के लिए कृषि मंत्री भुसे (Agriculture Minister Bhuse) ने निर्देश दिया। सरकारी विश्राम गृह में मंत्री भुसे की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित की गई थी। 

    सरकारी विश्राम गृह में उच्चाधिकार समिति की बैठक

    अपर कलेक्टर धनंजय निकम, अनुविभागीय अधिकारी डॉ. विजयानंद शर्मा, समूह विकास अधिकारी जितेंद्र देवरे, तहसीलदार चंद्रजीत राजपूत, रामा मिस्त्री आदि इस बैठक में उपस्थित थे। मंत्री भुसे ने कहा कि आवासीय उद्देश्यों के लिए सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमण को नियमित करना एक पुराना मुद्दा है। सभी लंबित मामलों को शीघ्रता से हल करने पर 2022 नीति के लिए आवास का प्रभावी कार्यान्वयन पात्र लाभार्थियों को एक बड़ी राहत होगी। 

    सरकार के राजस्व में होगी बढ़ोत्तरी

    मंत्री भुसे ने कहा कि इस कार्य से सरकार को भारी राजस्व मिलेगा और स्थानीय ग्राम पंचायतों के लिए भी आय का एक अच्छा स्रोत बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य प्रायोजित ग्रामीण आवास योजना के तहत बड़ी संख्या में लाभार्थी हैं, जो आवास के लिए पात्र हैं, लेकिन स्थान की कमी के कारण आवास के लाभ से वंचित हैं। इसलिए, पंडित दीनदयाल उपाध्याय घरकुल भूमि की वित्तीय सहायता योजना के तहत 50 हजार रुपए तक की वित्तीय सहायता आवास की जगह की खरीदी के लिए दिए जाने वाले नियम पर तुरंत अमल करने के निर्देश दिए, ताकि कोई भी इस योजना से वंचित न रहे।

    बिजली वितरण कंपनी के कार्य की समीक्षा

    शहर में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए कि बिजली उपभोक्ता भी आंदोलन में शामिल हैं, उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने शहर और तहसील में सुचारु बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया।