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    नाशिक. कोरोना संदिग्ध (Corona Suspect) की रिपोर्ट निगेटिव (Report Negative) होने के बावजूद पॉजिटिव (Positive) दिखाना एक अक्षम्य अपराध है। ऐसा होने पर रोगी और उसका परिवार परेशान होते हैं। साथ ही कोरोना नियंत्रण पर प्रशासन का निर्णय गलत होने की संभावना बढ़ जाती है। मनपा के एक सत्यापन से पता चला है कि कुछ निजी प्रयोगशालाओं (Private Laboratories) ने निगेटिव होने के बावजूद मरीजों को पॉजिटिव रिपोर्ट दी है। सिविल अस्पताल (Civil Hospital) से एक रिपोर्ट भी मिली है और संबंधित निजी प्रयोगशालाओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और संक्रामक रोग निवारण अधिनियम के तहत सख्त आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।  

    जिला कलेक्टर सूरज मंधारे ने कहा कि जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनके संपर्क में संदिग्ध मरीजों की जांच भी अनिवार्य हो रही है, जिससे आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने के संकेत हैं। निजी प्रयोगशालाओं में स्वॉब परीक्षण की घटना सरकारी प्रयोगशालाओं की तुलना में अधिक है, लेकिन कुछ निजी प्रयोगशालाओं में पॉजिटिव रिपोर्टिंग की दर सरकारी प्रयोगशालाओं की तुलना में चार गुना अधिक है।

    45% रिपोर्ट दोषपूर्ण

    पालक मंत्री छगन भुजबल के निर्देश पर, जिला कलेक्टर सूरज मांढरे ने सिविल अस्पताल प्रशासन और नगरपालिका प्रशासन को कुछ पीड़ितों के स्वॉब की फिर से जांच करने का निर्देश दिया था, जिसके अनुसार मनपा ने स्पष्ट किया है कि 45% रिपोर्ट दोषपूर्ण हैं। मनपा  ने जिला प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी है कि 16 स्वॉबों में से 7 की रिपोर्ट को निगेटिव होने के बावजूद पॉजिटिव दिखाया गया है। सिविल अस्पताल की लैब में कुछ पीड़ितों के स्वॉब की भी दोबारा जांच की गई है और उनकी रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है। मांढरे ने बताया कि उसके अनुसार उचित कार्रवाई की जा रही है। 

    कुछ निजी प्रयोगशालाओं की पॉजिटिव रिपोर्ट की दर 30 प्रतिशत है, जबकि सरकारी प्रयोगशालाओं की दर 5 से 7 प्रतिशत है। एक प्रारंभिक रिपोर्ट है कि कुछ प्रयोगशालाएं प्रणाली का लाभ उठा रही हैं, क्योंकि इन दोनों आंकड़ों के बीच बहुत अधिक विसंगति है। लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करने वालों से ईमानदारी से काम करने की अपेक्षा की जाती है। दोषी पाए गए लैब के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे।

    - सूरज मांढरे, कलेक्टर

    निजी लैब की रिपोर्ट में बदलाव किया जाए तो यह प्रकार बेहद भयावह है। यह नागरिकों के जीवन के साथ एक खेल है। इस तरह की स्थिति पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उसकी पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

    - सतीश कुलकर्णी, मेयर